सनातनधर्म में श्रीरामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों को भी उजागर करते हैं। इन पात्रों में रामभक्त श्रीहनुमान के चरित्र में भी कर्म, समर्पण, पराक्रम, प्रेम, परोपकार, मित्रता, वफादारी जैसे अनेक आदर्शों के दर्शन होते हैं।
श्रीहनुमान के दिव्य और संकटमोचक चरित्र के दर्शन श्रीरामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में होता है। इसलिए सुन्दरकाण्ड का पाठ व्यावहारिक जीवन में आने वाली संकट, विपत्तियों और परेशानियों को दूर करने में बहुत प्रभावी माना जाता है। किंतु अगर समयाभाव से पूरा पाठ संभव न हो तो सुन्दरकाण्ड में दी गई श्रीहनुमान की छोटी सी स्तुति का नियमित पाठ आपकी दु:ख व कष्टों से रक्षा करने के साथ हर मनोरथ पूरे कर देता है। यह स्तुति शनि पीड़ा के बुरे प्रभाव से भी बचाती है।
इच्छापूर्ति और शनि पीड़ा से रक्षा के लिए श्रीहनुमान उपासना के विशेष दिन शनिवार और मंगलवार को निम्न हनुमान स्तुति का पाठ अवश्य करें।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।
काज किए बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसों नहिं जात है टारो।।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
श्रीहनुमान की इस स्तुति का नित्य पाठ दैनिक जीवन के कामों में आने वाली बाधा और परेशानियों को भी दूर कर व्यर्थ चिंता और तनाव से बचाता है या यूं कहें कि यह छोटी सी हनुमान स्तुति हर मुश्किलों और मुसीबतों से लडने का फौलादी जज्बा देती है।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
।। जय संकटमोचन श्रीरामभक्त हनुमान ।।
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सनातनधर्म में श्रीरामचरितमानस न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि इसके चरित्र और पात्र आदर्श व्यावहारिक जीवन के सूत्रों और संदेशों को भी उजागर करते हैं। इन पात्रों में रामभक्त श्रीहनुमान के चरित्र में भी कर्म, समर्पण, पराक्रम, प्रेम, परोपकार, मित्रता, वफादारी जैसे अनेक आदर्शों के दर्शन होते हैं।
श्रीहनुमान के दिव्य और संकटमोचक चरित्र के दर्शन श्रीरामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में होता है। इसलिए सुन्दरकाण्ड का पाठ व्यावहारिक जीवन में आने वाली संकट, विपत्तियों और परेशानियों को दूर करने में बहुत प्रभावी माना जाता है। किंतु अगर समयाभाव से पूरा पाठ संभव न हो तो सुन्दरकाण्ड में दी गई श्रीहनुमान की छोटी सी स्तुति का नियमित पाठ आपकी दु:ख व कष्टों से रक्षा करने के साथ हर मनोरथ पूरे कर देता है। यह स्तुति शनि पीड़ा के बुरे प्रभाव से भी बचाती है।
इच्छापूर्ति और शनि पीड़ा से रक्षा के लिए श्रीहनुमान उपासना के विशेष दिन शनिवार और मंगलवार को निम्न हनुमान स्तुति का पाठ अवश्य करें।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।
काज किए बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसों नहिं जात है टारो।।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
श्रीहनुमान की इस स्तुति का नित्य पाठ दैनिक जीवन के कामों में आने वाली बाधा और परेशानियों को भी दूर कर व्यर्थ चिंता और तनाव से बचाता है या यूं कहें कि यह छोटी सी हनुमान स्तुति हर मुश्किलों और मुसीबतों से लडने का फौलादी जज्बा देती है।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
।। जय संकटमोचन श्रीरामभक्त हनुमान ।।
Shri Ramcharitmanas is not only a religious text in Sanatan Dharma, but its characters and characters also highlight the formulas and messages of ideal practical life. In these characters, many ideals like Karma, Dedication, Valor, Love, Philanthropy, Friendship, Loyalty can be seen in the character of Ram devotee Shri Hanuman.
The divine and trouble-relieving character of Shri Hanuman is visible in the Sunderkand of Shri Ramcharitmanas. That’s why the recitation of Sunderkand is considered very effective in removing the difficulties, calamities and problems that come in practical life. But if complete recitation is not possible due to lack of time, then regular recitation of small praise of Lord Hanuman given in Sunderkand fulfills every wish along with protecting you from sorrows and sufferings. This praise also protects from the bad effects of Shani Pida.
To fulfill wishes and protect from Shani’s pain, recite the following Hanuman Stuti on Saturday and Tuesday, the special day of Lord Hanuman worship.
The abode of incomparable strength, the body like a golden mountain He was young and thin and foremost among the wise He is the treasure of all virtues and the lord of the monkeys I offer my obeisances to the dear devotee of Lord Raghu born of the wind.
Sriguru Charan Saroj Raja, Nij Manu Mukur Sudhari. Barnau Raghuvar Bimal Jasu, Jo Dayaku Phal Chari।।
Foolish Tanu Janike, Sumiraun Pawan Kumar. Strength, wisdom, knowledge, body is attracted, every pain is disorder.
You have done the work of a great God, see Bir Mahaprabhu, poor man. Who is the trouble and the poor, who does not go away from you.
Begi Haro Hanuman Mahaprabhu, whatever trouble we face. No one knows the copy in the world, the name of Sankatmochan Tiharo.
Regular recitation of this praise of Shri Hanuman removes the obstacles and troubles that come in the works of daily life and saves from unnecessary worry and tension or rather this small praise of Hanuman gives steely spirit to fight against every difficulties and troubles.
Crisis cuts off all pain. who remembers Hanuman Balbira.
Deendayal Biridu Sambhari. Harhu Nath Mam, the crisis is heavy.
, Jai Sankatmochan Shriram devotee Hanuman.
।। ।।
Shri Ramcharitmanas is not only a religious text in Sanatan Dharma, but its characters and characters also highlight the formulas and messages of ideal practical life. In these characters, many ideals like Karma, Dedication, Valor, Love, Philanthropy, Friendship, Loyalty can be seen in the character of Ram devotee Shri Hanuman.
The divine and trouble-relieving character of Shri Hanuman is visible in the Sunderkand of Shri Ramcharitmanas. That’s why the recitation of Sunderkand is considered very effective in removing the difficulties, calamities and problems that come in practical life. But if complete recitation is not possible due to lack of time, then regular recitation of small praise of Lord Hanuman given in Sunderkand fulfills every wish along with protecting you from sorrows and sufferings. This praise also protects from the bad effects of Shani Pida.
To fulfill wishes and protect from Shani’s pain, recite the following Hanuman Stuti on Saturday and Tuesday, the special day of Lord Hanuman worship.
The abode of incomparable strength, the body like a golden mountain He was young and thin and foremost among the wise He is the treasure of all virtues and the lord of the monkeys I offer my obeisances to the dear devotee of Lord Raghu born of the wind.
Sriguru Charan Saroj Raja, Nij Manu Mukur Sudhari. Barnau Raghuvar Bimal Jasu, Jo Dayaku Phal Chari।।
Foolish Tanu Janike, Sumiraun Pawan Kumar. Strength, wisdom, knowledge, body is attracted, every pain is disorder.
You have done the work of a great God, see Bir Mahaprabhu, poor man. Who is the trouble and the poor, who does not go away from you.
Begi Haro Hanuman Mahaprabhu, whatever trouble we face. No one knows the copy in the world, the name of Sankatmochan Tiharo.
Regular recitation of this praise of Shri Hanuman removes the obstacles and troubles that come in the works of daily life and saves from unnecessary worry and tension or rather this small praise of Hanuman gives steely spirit to fight against every difficulties and troubles.
Crisis cuts off all pain. who remembers Hanuman Balbira.
Deendayal Biridu Sambhari. Harhu Nath Mam, the crisis is heavy.
, Jai Sankatmochan Shriram devotee Hanuman.