प्रयागराज महिमा

सचिव सत्य श्रद्धा प्रिय नारी।
माधव सरिस मीतु हितकारी।।

चारि पदारथ भरा भँडारु।
पुन्य प्रदेस देस अति चारु।।

छेत्रु अगम गढु गाड़ सुहावा।
सपनेहुँ नहिं प्रतिपच्छिन्ह पावा।।

सेन सकल तीरथ बर बीरा।
कलुष अनीक दलन रनधीरा।।

संगमु सिंहासन सुठि सोहा।
छत्रु अखयबटु मुनि मनु मोहा।।

चँवर जमुन अरु गंग तरंगा।
देखि होहिं दुख दारिद भंगा।।

सेवहिं सुकृती साधु सुचि पावहिं सब मनकाम।
बंदी बेद पुरान गन कहहिं बिमल गुन ग्राम।।
(श्रीरामचरितमानस- २ / १०४ / ३ – ८; १०५)

भावार्थ-
उस राजा (प्रयाग) का सत्य मन्त्री है, श्रद्धा प्यारी स्त्री है और श्रीवेणीमाधवजी- सरीखे हितकारी मित्र है। चार पदार्थों (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) से भण्डार भरा है और वह पुण्यमय प्रान्त ही उस राजा का देश है।

प्रयाग क्षेत्र ही दुर्गम, मजबूत और सुन्दर गढ़ (किला) है, जिसको स्वप्न में भी (पापरूपी) शत्रु नहीं पा सके हैं। सम्पूर्ण तीर्थ ही उसके श्रेष्ठ वीर सैनिक हैं, जो पाप की सेना को कुचल डालनेवाले और बड़े रणधीर हैं।

गङ्गा, यमुना और सरस्वती का सङ्गम ही उसका अत्यन्त सुशोभित सिंहासन है। अक्षयवट छत्र है, जो मुनियों के भी मन को मोहित कर लेता है। यमुनाजी और गङ्गाजी की तरङ्गे उसके (श्याम और श्वेत) चँवर हैं, जिनको देखकर ही दुःख और दरिद्रता नष्ट हो जाती है।

पुण्यात्मा, पवित्र साधु उसकी सेवा करते हैं और सब मनोरथ पाते हैं। वेद और पुराणों के समूह भाट हैं, जो उसके निर्मल गुण गणों का बखान करते हैं।

।। जय भगवान श्री सीताराम ।।



Secretary Satya Shraddha Dear Woman. Madhav Saris Meetu Beneficial.

A storehouse full of chari padarath. Punya Pradesh Desh Ati Charu.

Chhetru Agam Gadhu Gaad Suhawa. I am not a dreamer, I am getting a dream.

Sen Sakal Tirth Bar Bira. Kalush Anik Dalan Randhira।।

Sangamu Singhasan Suthi Soha. Chhatru Akhaybatu Muni Manu Moha.

Chanwar Jamun and Ganga Taranga. See, the sorrow and poverty are gone.

Sevahin Sukriti Sadhu Suchi Paavahin, all the desires. Bandi Bed Puran Gun Kahhin Bimal Gun Village. (Shri Ramcharitmanas- 2 / 104 / 3 – 8; 105)

gist- Satya is the minister of that king (Prayag), Shraddha is a lovely woman and Sriveni is a benevolent friend like Madhavji. The storehouse is full of four things (Dharma, Artha, Kama and Moksha) and that virtuous province is the country of that king.

Prayag area itself is an inaccessible, strong and beautiful fort, which the (sinful) enemies could not reach even in dreams. Sampurna Tirtha is his best brave soldier, who crushes the army of sin and is very brave.

The confluence of Ganga, Yamuna and Saraswati is its most decorated throne. Akshayavat is an umbrella, which fascinates the minds of even the sages. The waves of Yamunaji and Gangaji are its (black and white) waves, just seeing which sorrow and poverty are destroyed.

The virtuous souls and the holy sages serve him and get all their desires. There are groups of Vedas and Puranas, which praise its pure qualities.

, Jai Lord Shri Sitaram.

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