मारुती स्तोत्र

मारुती स्तोत्र हनुमानजी का एक सिद्ध मन्त्र है। इस मन्त्र के माध्यम से आप हनुमानजी की आराधना कर सकतें हैं।

मारुती स्तोत्र हनुमानजी का आशीर्वाद पाने का सबसे सफल और सिद्ध मन्त्र है। मारुती स्तोत्र के जाप से हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त को निर्भयता और निरोगी होने का आशीर्वाद देतें हैं। मारुती स्तोत्र एक सिद्ध मन्त्र है। मारुती स्तोत्र का जाप करने वाला भक्त सदा हनुमानजी के निकट रहता है। हनुमानजी सदा अपने भक्त की रक्षा करतें है।

हनुमानजी शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार है। ऐसी मान्यता है की वो सदा अमर है। वे अपने सूक्ष्म रूप में इस धरा पर विचरण करतें रहतें हैं। उनकी कृपा प्राप्ति काफी आसान है। अपने मन में हनुमानजी के प्रति सदा एक दृढ विश्वास और श्रद्धा बनाए रखें। वे सदा अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखतें हैं।

बजरंगबली हनुमानजी की कृपा से भक्त के हृदय से सभी तरह के भय का नाश होता है। भक्त के अन्दर एक आत्मविश्वास जागृत होता है। हनुमानजी के भक्त किसी भी संकट और मुश्किल परिस्थिति से कभी घबराता नहीं है। हनुमानजी की कृपा से वह सभी संकटों का सामना पूरी दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ करता है।

मारुती स्तोत्र की पाठ विधि-

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मारुती स्तोत्र एक सफल मन्त्र है। इस मन्त्र का जाप पूरे दृढ़ता और हृदय से करें और हनुमानजी की कृपा प्राप्ति करें।

मारुती स्तोत्र का पाठ आप रोजाना कर सकतें है। यदि रोजाना मारुती स्तोत्र का पाठ करना संभव नहीं हो तो आप मंगलवार को मारुती स्तोत्र का पाठ करें। मारुती स्तोत्र का पाठ आप शनिवार को भी कर सकतें है।

मारुती स्तोत्र का पाठ आप अपने घर या किसी हनुमानजी के मंदिर में जाकर कर सकतें हैं।

मारुती स्तोत्र का पाठ करने के लिए प्रातः काल का समय शुभ होता है।

मारुती स्तोत्र का पाठ आप संध्या काल में भी कर सकतें हैं।

मारुती स्तोत्र का पाठ हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें।

मारुती स्तोत्र का पाठ करने से पूर्व स्नान कर ले और खुद को शुद्ध कर लें।

मारुती स्तोत्र का पाठ करते समय हनुमानजी की प्रतिमा या तस्वीर को किसी लाल आसन पर सामने रखें।

हनुमानजी को सिंदूर अति प्रिय है, इसलिये हनुमानजी को सिंदूर लगायें।

धुप-दीप, लाल पुष्प आदि से उनकी पूजा करें।

नैवेद्य चढ़ाएं, हनुमानजी को आप लड्डू या फिर चना-गुड का भोग लगा सकतें हैं।

मारुती स्तोत्र का जाप करते समय बजरंगबली हनुमानजी पर दृढ विश्वास और श्रद्धा बनाये रखें।

मारुती स्तोत्र का पाठ संपन्न करने के पश्चात् हनुमानजी को प्रणाम करते हुए उनसे आशीर्वाद प्रदान करने की याचना करें।

मारुती स्तोत्र के पाठ का फल-

मारुती स्तोत्र एक महान सिद्ध मन्त्र है। मारुती स्तोत्र के नियमित जाप से हनुमानजी अवश्य प्रसन्न होतें हैं और अपने भक्त के सभी संकटो का हरण कर लेते हैं। और अपने भक्त को आशीर्वाद देतें हैं।

इसके पाठ से भक्त के जीवन में सभी तरह की सुख शांति मिलती है।

मारुती स्तोत्र के पाठ से भक्त के हृदय से भय का नाश होता है।

मारुती स्तोत्र के पाठ से हनुमानजी अपने भक्त के सभी कष्टों का निवारण कर देतें हैं। जीवन में धन-धान्य की बृद्धि होती है।

मारुती स्तोत्र के पाठ से साधक के चरों ओर स्थित सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। साधक के चारों ओर सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है।

मारुती स्तोत्र का पाठ करने से हनुमानजी अपने भक्त के सभी रोग और कष्टों का निवारण करतें हैं। भक्त के शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है। * मारुती स्तोत्र *

भीमरूपी महारुद्रा वज्र हनुमान मारुती।
वनारी अन्जनीसूता रामदूता प्रभंजना।।१।।

महाबळी प्राणदाता सकळां उठवी बळें।
सौख्यकारी दुःखहारी दूत वैष्णव गायका।।२।।

दीननाथा हरीरूपा सुंदरा जगदंतरा।
पातालदेवताहंता भव्यसिंदूरलेपना।।३।।

लोकनाथा जगन्नाथा प्राणनाथा पुरातना।
पुण्यवंता पुण्यशीला पावना परितोषका।।४।।

ध्वजांगें उचली बाहो आवेशें लोटला पुढें।
काळाग्नि काळरुद्राग्नि देखतां कांपती भयें।।५।।

ब्रह्मांडें माइलीं नेणों आंवाळे दंतपंगती।
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा भ्रुकुटी ताठिल्या बळें।।६।।

पुच्छ तें मुरडिलें माथां किरीटी कुंडलें बरीं।
सुवर्ण कटि कांसोटी घंटा किंकिणि नागरा।।७।।

ठकारे पर्वता ऐसा नेटका सडपातळू।
चपळांग पाहतां मोठें महाविद्युल्लतेपरी।।८।।

कोटिच्या कोटि उड्डाणें झेंपावे उत्तरेकडे।
मंदाद्रीसारखा द्रोणू क्रोधें उत्पाटिला बळें।।९।।

आणिला मागुतीं नेला आला गेला मनोगती।
मनासी टाकिलें मागें गतीसी तूळणा नसे।।१०।।

अणूपासोनि ब्रह्मांडाएवढा होत जातसे।
तयासी तुळणा कोठें मेरु- मांदार धाकुटे।।११।।

ब्रह्मांडाभोंवते वेढे वज्रपुच्छें करूं शके।
तयासी तुळणा कैंची ब्रह्मांडीं पाहतां नसे।।१२।।

आरक्त देखिले डोळां ग्रासिलें सूर्यमंडळा।
वाढतां वाढतां वाढे भेदिलें शून्यमंडळा।।१३।।

धनधान्य पशुवृद्धि पुत्रपौत्र समग्रही।
पावती रूपविद्यादि स्तोत्रपाठें करूनियां।।१४।।

भूतप्रेतसमंधादि रोगव्याधि समस्तही।
नासती तुटती चिंता आनंदे भीमदर्शनें।।१५।।

हे धरा पंधराश्लोकी लाभली शोभली बरी।
दृढदेहो निःसंदेहो संख्या चंद्रकला गुणें।।१६।।

रामदासीं अग्रगण्यू कपिकुळासि मंडणू।
रामरूपी अन्तरात्मा दर्शने दोष नासती।।१७।।

।। इति श्री रामदासकृतं संकटनिरसनं नाम श्री मारुति स्तोत्रम् संपूर्णम् ।।

  • श्रीहनुमते नमः *


Maruti stotra is a proven mantra of Hanumanji. You can worship Hanumanji through this mantra.

Maruti Stotra is the most successful and proven mantra to get the blessings of Hanumanji. By chanting Maruti stotra, Hanumanji gets pleased very quickly and blesses his devotee to be fearless and free from diseases. Maruti stotra is a proven mantra. The devotee who chants Maruti Stotra always stays close to Hanumanji. Hanumanji always protects his devotee.

Hanumanji is the eleventh Rudra avatar of Shiva. It is believed that he is always immortal. They keep roaming on this earth in their subtle form. It is very easy to get his grace. Always maintain a strong faith and devotion towards Hanumanji in your mind. He always keeps his blessings on his devotees.

By the grace of Bajrangbali Hanumanji, all kinds of fear are destroyed from the heart of the devotee. A self-confidence awakens in the devotee. The devotee of Hanumanji never gets scared of any crisis and difficult situation. By the grace of Hanumanji, he faces all the difficulties with full determination and confidence.

Recitation method of Maruti Stotra-

Maruti Stotra is a successful mantra to please Hanumanji and get his blessings. Chant this mantra with full determination and heart and get the blessings of Hanumanji.

You can recite Maruti Stotra daily. If it is not possible to recite Maruti Stotra daily, then you should recite Maruti Stotra on Tuesday. You can also recite Maruti Stotra on Saturdays.

You can recite Maruti Stotra by going to your home or any Hanumanji’s temple.

Morning time is auspicious for reciting Maruti Stotra.

You can also recite Maruti Stotra in the evening.

Always recite Maruti stotra by facing towards east.

Before reciting Maruti Stotra, take bath and purify yourself.

While reciting Maruti Stotra, place the idol or picture of Hanumanji in front of you on a red aasan.

Sindoor is very dear to Hanumanji, so apply vermilion to Hanumanji.

Worship them with incense, red flowers, etc.

Offer naivedya, you can offer laddoos or chana-gur to Hanumanji.

While chanting Maruti Stotra, keep strong faith and reverence on Bajrangbali Hanumanji.

After completing the recitation of Maruti Stotra, while saluting Hanumanji, request him to bestow his blessings.

The result of the recitation of Maruti stotra-

Maruti Stotra is a great proven mantra. Regular chanting of Maruti Stotra pleases Hanumanji and takes away all the troubles of his devotee. And blesses his devotee.

Its recitation gives all kinds of happiness and peace in the life of the devotee.

Recitation of Maruti Stotra destroys fear from the heart of the devotee.

Hanumanji removes all the troubles of his devotee by reciting Maruti Stotra. There is an increase in wealth and grains in life.

Recitation of Maruti Stotra destroys all kinds of negative energies surrounding the seeker. Positive energy flows around the seeker.

By reciting Maruti stotra, Hanumanji cures all the diseases and sufferings of his devotee. The physical and mental strength of the devotee increases. * Maruti Stotra *

Bhimrupi Maharudra Vajra Hanuman Maruti. Vanari Anjanisuta Ramduta Prabhanjana.

Mighty life-giver, lift up all with strength. Happiness-giving, suffering-removing messenger, Vaishnava singer.

Dinnatha Harirupa Sundara Jagdantara. 3.

Lord of the worlds, Lord of the universe, Lord of life, ancient. Pious, pious, holy, satisfying.

Flags raised arms passionately rolled forward. Black fire, black Rudra fire, I tremble with fear when I see you.

The universe is miles away from the amval toothpaste. The flame of the eyes burned, the eyebrows lifted with force.

The tail is twisted, the heads are crowned, and the coils are good. golden waist bracelet bell kinkini nagara.

Thakare mountains such a sharp snowflake. They looked agile and looked like a big lightning bolt.

Millions of millions fly northward. Like Mandadri, Drona was upset with anger and strength.

And Manogati was taken to Maguti. There were no kinetic scales behind Manasi Takila..10..

Atom by atom became the size of the universe. Where are you compared to Meru-Mandar Dhakute..11..

Vajrapuchcha can circle around the universe. They did not see the worlds of such comparisons.. 12..

I saw blood in my eyes and the sun was eaten. The empty sphere was broken as it grew and grew.

Wealth, grain, livestock, children and grandchildren. Pavati rupavidyaadi stotrapathen karuniyaan.

Bhutapretasamandhadi rogavyadhi samastahi. There is no worry broken in the bliss of seeing the terrible.

This earth has received fifteen verses of beautiful goodness. Strong body undoubtedly number moon art qualities.

Ramadasi, the foremost of the monkeys, is the Mandanu. There is nothing wrong with seeing the inner self in the form of Rama.

।। This is the complete Sri Maruti Stotram named Sankata Nirasanam composed by Sri Ramadasa. Sri Hanuman Namah *

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