प्रभु संकीर्तन 23

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जय श्री राम जय गुरुदेव गुरुदेव को प्रणाम है एक भाव में भक्त भगवान का बन जाना चाहता है भगवान से मिलन की भगवान के दर्शन की तङफ होती है कब कैसे भगवान के दर्शन हो भक्त के दिल में तङफ हर क्षण  होती है। वह जग के सब व्यवस्था निभाते हुए दिल ही दिल से भगवान को भजता है भगवान को भजते भजते उसे ऎसा अह्सास होने लगता है जैसे भगवान ही सब कुछ है  मै हूँ ही नहीं। सब किरया भगवान ही कर रहे हैं भक्त और भगवान मे एक रूपता दिखने लगती है मै मर जाता है।  भक्त और भगवान एक रूप हो जाते हैं।

हम भगवान को भजते है भगवान राम को भजते है  भक्त को अपने भगवान को पुरण रूप से जान लेना चाहिए समझ लेना चाहिए।  भगवान कृपा होती है तब भक्त भगवान को राम को भजता है भगवान ही सबकुछ है भगवान मे जग समाया हुआ है। जय श्री राम जय गुरुदेव गुरुदेव को प्रणाम है।जय श्री राम अनीता गर्ग



Jai Shri Ram Jai Gurudev Greetings to Gurudev In one sense, the devotee wants to become God’s, to meet God, there is a yearning to see God, when and how to see God, there is yearning in the heart of a devotee every moment. He worships God from the bottom of his heart while following all the arrangements of the world, while worshiping God, he starts feeling as if God is everything and I am not. All the rent is being done by God, the devotee starts seeing a form in God, I die. Devotee and God become one form.

We worship God, we worship Lord Ram. The devotee should know his God completely and understand him. God is pleased, then the devotee worships God, Ram, God is everything, the world is contained in God. Jai Shri Ram Jai Gurudev Greetings to Gurudev.Jai Shri Ram Anita Garg

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