राधे जी की मुर्छा को हटाने के लिए कृष्ण जी बने गरूड़ी

एक बार राधाजी कई दिनों तक कृष्णजी से नहीं मिली तो उनके वियोग में अर्धमूर्छित हो गई।सभी सखियो को पता था कि राधा जी को क्यों मूर्छित हुई।राधा जी की सभी सखियाँ दौड़ी-दौड़ी माँ के पास आई और बोली आप की बेटी को काले सर्प ने डस लिया और राधा बेहोश हो गई अब इसके विष को उतारने के लिए किसी गुणी को बुलाना पड़ेगा माँ रोने लगी और रोते रोते राधा जी को अपने ह्रदय से लगा लिया।

एक सखी बोली यदि राधा जी को ठीक करना है तो कृष्णजी को बुला लाओ क्योंकि कृष्ण जी गारुड़ी हैं।उन से श्रेष्ठ कोई नही है।तब राधा रानी की सखियाँ कृष्ण जी की मैया यशोदा के पास आई और बोली तुम्हारा कृष्ण सांप के विष को मन्त्रों से उतारने वाले गारुड़ी हैं आप अपने पुत्र को हमारे साथ भेज दो।राधा रानी को काले सांप ने डस लिया है।

ये सब सुनकर माँ मुस्कराने
लगी की अभी कुछ देर पहले तो राधा को मैंने देखा था। राधा रानी की मूर्च्छा के मूल कारण को समझकर माँ यशोदा चुप हो गई और कृष्ण जी को पुकारा और बोली राधा के घर से एक ग्वालिन तुम्हे बुलाने आई थी,तुम वहां चले जाओ।राधा को काले सांप ने डस लिया है और तुम कबसे गारुडी बन गए लाला।जल्दी जाओ और उसका विष झाड़ आओ और माँ ने मन ही मन मुस्कराकर पूछा तुमने किससे सीखे ऐसे मन्त्र जो कि काले सर्प का विष उतार दे।कृष्ण कुछ न बोले और मंद मंद मुस्कराते हुए गोपी के साथ राधा के घर की और चल पड़े।

भगवान कृष्ण जी गारुणी बन कर राधा के घर पहुंचे।राधा ने सुना तो मन में प्रसन्न हुई कि कृष्ण आज मेरे द्वार पर आये हैं और प्रेमवश में वह एकदम
मुरझा गई,राधा जी की आँखों से प्रेम के आंसू बहने लगे।

राधा को इस प्रकार देखकर
माँ और भी व्याकुल हो गई।
वे समझने लगी की राधा के
अंग अंग में विष का गहरा प्रभाव हो गया है।माँ रोती-रोती व्याकुल होकर अपनी पुत्री को बार बार गले से लगाती हुई कृष्ण जी से बोली मोहन! मेरी लाड़ली बेटी राधा को ठीक कर दो।

तब कृष्णजी ने जैसे ही राधा जी को स्पर्श किया तो एकदम से किशोरी जी श्री राधा रानी ने आँखे खोल दी।राधा जी ने होश में आकर अपने नेत्र खोले और आगे कृष्ण जी को खड़े देखा तो बस एकटक निहारती रही।फिर लाज से एकदम खड़ी हुई और अपने अंग वस्त्रों को सँभालने लगी।लोगो की भीड़ देखकर राधा ने माँ से पूछा कि आज क्या है?सब लोग इकट्ठे क्यों हैं?

माँ ने कहा तुम्हे सांप ने डस लिया था और कृष्ण ने मन्त्रों के द्वारा तुम्हारा उपचार किया है पर सखियो को पता था कि राधा जी को तो कृष्ण वियोग ने डसा था।माँ ने कृष्ण जी के मुख को चूमा,गले से लगाया। घर-घर में यह चर्चा चल पड़ी की कृष्णजी बहुत बड़े गारुड़ी हैं।

राधा और कृष्ण का 100 वर्ष
का वियोग हुआ था जिसके पीछे एक श्राप था एक बार वृन्दावन से जाने के बाद 100 वर्षों तक श्री कृष्ण दोबारा वृन्दावन नही जा सके और मन ही मन कहते थे हे राधे मैंने तुम्हारा क्या अपराध कर दिया।मैं वृन्दावन आना चाहता हूँ लेकिन तुम्हारी कृपा के बिना कोई जीव जंतु तक वृन्दावन में नही आ सकता है।

कहा जाता है कि 100 वर्ष बीत जाने पर राधा और कृष्ण का पुनर्मिलन कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के अवसर पर हुआ
द्वारिका से कृष्ण और वृंदावन से नंद के साथ राधा आई थीं
जो राधा कुछ दिनों का वियोग सहन नहीं कर सकी उस ने 100 वर्षो का वियोग कैसे सहन किया होगा पर श्री कृष्ण स्वयं कहते है मैं राधा में हूँ और राधा मुझमे।

।।। जय जय श्री राधे।।।



Once Radha ji did not meet Krishna ji for many days, she fainted in his separation. All the friends knew why Radha ji fainted. The snake bit her and Radha fainted, now a virtuous person will have to be called to remove its poison. Mother started crying and while crying she hugged Radha ji.

A friend said, if Radha ji has to be cured, then call Krishna ji because Krishna ji is Garudi. There is no one better than him. You are the Garudi who will bring you down, send your son with us. Radha Rani has been bitten by a black snake.

Mother smiled after hearing all this I felt that I had seen Radha just some time ago. Realizing the root cause of Radha Rani’s unconsciousness, Mother Yashoda became silent and called Krishna ji and said that a cowgirl from Radha’s house had come to call you, you go there. Radha has been bitten by a black snake and since when have you become Garudi. Gone Lala. Go quickly and get rid of his poison and mother smilingly asked from whom did you learn such mantras that can remove the poison of black snake. Krishna did not say anything and went to Radha’s house with Gopi smiling slowly. Lie down

Lord Krishna ji reached Radha’s house in the form of Garuni. When Radha heard, she felt happy that Krishna has come to my door today and she was completely in love. Withered, tears of love started flowing from Radha ji’s eyes.

Seeing Radha like this Mother became even more distraught. She started to understand that Radha’s The poison has had a deep effect on every organ. The mother crying and crying in distraught embrace her daughter again and again and said to Krishna ji, Mohan! Heal my dear daughter Radha.

Then as soon as Krishna ji touched Radha ji, Kishori ji Shri Radha Rani opened her eyes immediately. Radha ji opened her eyes after regaining consciousness and saw Krishna ji standing in front of her, she just kept staring at her. Then she stood completely shy. She woke up and started handling her clothes. Seeing the crowd of people, Radha asked her mother, what is it today? Why are everyone gathered?

Mother said that you were bitten by a snake and Krishna treated you with mantras, but the friends knew that Radha was bitten by Krishna’s separation. Mother kissed Krishna’s face and hugged her. There was a discussion in every house that Krishnaji is a very big Garudi.

100 years of Radha and Krishna There was a separation behind which there was a curse. Once after leaving Vrindavan, Shri Krishna could not go to Vrindavan again for 100 years and used to say in his mind, O Radhe, what crime have I done to you. I want to come to Vrindavan but because of your grace No living being can come to Vrindavan without it.

Radha and Krishna are said to have reunited at Kurukshetra on the occasion of a solar eclipse after lapse of 100 years. Radha came with Krishna from Dwarka and Nanda from Vrindavan The Radha who could not bear the separation of a few days, how would she have tolerated the separation of 100 years, but Shri Krishna himself says that I am in Radha and Radha is in me.

, Hail Hail Lord Radhe…

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *