मूर्तिकार की अनुभूति गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति की आभा बदल गई रामलला की मूर्ति बनते हुए देखनें रोज आतें थें हनुमानजी को रोका तो बंदर पीटने लगें दरवाजें
अरुण योगीराज ने अचंभित करनें वालें अनुभव बताये अयोध्या में विराजमान रामलला की मूर्ति देश के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई हैं वहीं पहलें शख्स हैं जिन्होंने रामलला के विग्रह को तैयार होनें के बाद सबसे पहले देखा
ऐसे में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उनसे कई तरह के सवाल हों रहें हैं उनसे उनका अनुभव पूछा जा रहा हैं इन प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्होंने अपने इंटरव्यूज में चौंकानें वालें खुलासे किए हैं
अरुण योगीराज ने बात करतें हुए कहां कि यें कार्य उन्होंने खुद नहीं किया भगवान राम ने उनसे करवाया हैं जब वो रामलला की मूर्ति को गढ़ रहें थें तो रोज उस मूर्ति से बात करतें थें वह कहां करतें थें प्रभु बाकी लोगों से पहलें मुझे दर्शन दे दो”
योगीराज की मानें तो जब मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो उन्हें लगा हीं नहीं कि वो मूर्ति उनके द्वारा बनाई गई हैं उसके हाव-भाव बदल चुकें थें
इस बारे में उन्होंने लोगों से कहां उन्हें नहीं विश्वास हों रहा कि मूर्ति उनके द्वारा बनाई गई हैं उन्होंने माना कि अगर वो कोशिश भी करें तो भी दोबारा इस तरह का विग्रह कभी नहीं बना सकतें उन्होंने कहा, “जब मैंने मूर्ति बनाई तब वो अलग थीं गर्भगृह में जानें के बाद और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद वो अलग हो गई मैंने 10 दिन गर्भगृह में बिताए एक दिन जब मैं बैठा था मुझे अंदर से लगा यें तो मेरा काम हैं, मैं उन्हें पहचान नहीं पाया अंदर जातें हीं उनकी आभा बदल गई रामलला की मूर्ति पर जानकारी देते समय अरुण योगीराज ने कहां “मैं दुनिया को दिखानें से पहलें उनके दर्शन करना चाहता था
भगवान मेरी जानकारी जुटानें में खुद मदद कर रहें थें कभी दीपावली के वक्त कोई जानकारी मिल गई कुछ तस्वीरें मुझे वो मिल गईं जो 400 साल पुरानी थीं हनुमानजी भी हमारे दरवाजे पर आतें थें गेट खटखटाते थें सब कुछ देखते थें फिर चले जाते थें अपनें अद्भुत अनुभवों को बतातें हुए उन्होंने कहां “मूर्ति बनानें के दौरान हर रोज एक बंदर शाम में 4 से 5 बजे के बीच उस जगह आता था और वो सब कुछ देखकर चला जाता था ठंड में हम दरवाजे बंद करनें लगें तो वो तेजी की दरवाजा खोलता अंदर आ जाता देखता और चला जाता शायद उनका भी देखनें का मन होता होंगा
उन्होंने कहां कि वों पिछलें 7 महीनों से ढंग से सो हीं नहीं पाए हैं उनकी विश्वकर्मा समुदाय सदियों से यहीं काम करता आया हैं उनके स्थानीय क्षेत्र में कहावत भी हैं
भगवान के स्पर्श से पत्थर फूल बन गए और शिल्पकार के स्पर्श से पत्थर भगवान बन गए इतना सराहनीय कार्य करनें के बाद भी अरुण योगीराज रामलला के विग्रह के लिए सारा श्रेय खुद नहीं लेंते वो कहतें हैं कि भगवान ने उनसे करवाया हैं वरना वो मूर्ति कैसे गढ़ पातें
उन्होंने एक अन्य बात में कहा कि उन लोगों ने रामलला को पत्थर से मूरत में देखनें के लिए 6 माह तक इंतजार किया उन्होंने बताया कि उनकी बनाई रामलला मूर्ति 51 इंच की हैं ऐसा इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों की गणित थीं इतनी इंच की मूर्ति हुई तो रामनवमी वालें दिन सूर्य की किरणें भगवानराम के मस्तक पर सीधे पड़ेंगी इस इंटरव्यू में भी उन्होंने यहीं बताया कि वो अपने असिस्टेंट्स के जानें के बाद भगवान के विग्रह के पास अकेले बैठतें थें और यहीं प्रार्थना करतें थें कि प्रभु दूसरों से पहले उन्हें दर्शन देना।।
🙏🌷 प्रेम से बोलिए जय जय श्री राम🌷🙏
The sculptor’s experience: As soon as he entered the sanctum sanctorum, the aura of the idol changed. People used to come every day to see Ramlala’s idol being made. When Hanumanji was stopped, monkeys started beating the doors.
Arun Yogiraj told his astonishing experiences. The idol of Ramlala present in Ayodhya has been made by the country’s famous sculptor Arun Yogiraj, who is the first person to see the idol of Ramlala after it was ready. In such a situation, after the consecration, he is being asked many types of questions. He is being asked about his experience. While answering these questions, he has made shocking revelations in his interviews.
While talking, Arun Yogiraj said that he did not do this work himself, Lord Ram got it done by him. When he was sculpting the idol of Ramlala, he used to talk to that idol every day. He used to say, Lord, please give me darshan before others. “
According to Yogiraj, when the idol was consecrated, he did not realize that the idol was made by him, its expressions had changed.
Regarding this, he told people that he could not believe that the idol was made by him. He admitted that even if he tried, he could never make such a idol again. He said, “When I made the idol, it was different. After entering the sanctum sanctorum and consecration, she separated. I spent 10 days in the sanctum sanctorum. One day, when I was sitting, it was my job to touch her from inside. I could not recognize her. As soon as she entered, her aura changed, Ramlala. While giving information on the statue, Arun Yogiraj said, “I wanted to see him before showing him to the world.
God himself was helping me in gathering information. Sometimes during Diwali, I got some information. I found some pictures which were 400 years old. Hanumanji also used to come to our door, knock on the gate, see everything and then go away with his wonderful experiences. While telling this, he said, “During the making of the idol, a monkey used to come to that place every day between 4 to 5 in the evening and after seeing everything, he would go away. If we started closing the doors in the cold, he would quickly open the door and come inside. He would look and go away, perhaps he would also feel like seeing it. He said that he has not been able to sleep properly for the last 7 months. His Vishwakarma community has been working here for centuries. There is also a saying in his local area. With the touch of God, the stones became flowers and with the touch of the craftsman, the stones became God. Even after doing such a commendable work, Arun Yogiraj does not take all the credit for the idol of Ram Lalla. He says that God has made him do it, otherwise how could he have carved that idol. find In another thing, he said that they waited for 6 months to see Ram Lalla in the form of a stone idol. He told that the Ram Lalla idol made by him was of 51 inches, this was because the calculations of the scientists were that if the idol was of that many inches, then Ram Navami people would be happy. During the day, the sun’s rays will fall directly on Lord Ram’s head. In this interview also he told that after leaving his assistants, he used to sit alone near the idol of God and used to pray here that God should give him darshan before others.
🙏🌷 Say with love Jai Jai Shri Ram🌷🙏