पत्थर का भाग्य राम बने

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ये पत्थर 6 करोड़ साल पुराने है…..हो सकता है ये पत्थर 6 करोड़ साल से अभिशप्त हो और मुक्ति के लिए तपस्या कर रहे हो।
मुक्ति भी मिली तो नेपाल के गंडक नदी से मुक्त हुए और ईश्वर की कृपा हुई तो ये पत्थर स्वयं भगवान हो गए।

मेरा ईश्वर में अतिविश्वास है, मैं घोर आस्तिक हूँ मुझे पता है कि कण-कण में भगवान है, हमारे अगल-बगल हर जगह विधमान है।

सबकुछ वही कर और करा रहे है।
अब देखिए अयोध्या जी में उत्सव का माहौल है क्योंकि राम लला वर्षों बाद अपने जन्मस्थान पर जा रहे है तो ऐसे शुभ कार्य में उनके ससुराल वाले कैसे पीछे रहते।
नेपाल की गंडकी नदी से वर्षो पुराने शालिग्राम बाहर निकले है।
ये पत्थर मानो भक्ति में 6 करोड़ साल से डूबे हुए थे।
प्रभु के कहने से बाहर आए।
अब तय किया गया कि इनसे राम मंदिर के गर्भगृह के लिए सीताराम की मूर्ति बनाई जाएगी।

प्रभु की लीला देखिए।
वर्षो से तपस्या में लीन शालिग्राम को आशीर्वाद में राम होना मिला है, कहते है न कि कण कण में राम है तो शालिग्राम के कण से राम है।

जब नेपाल से शालिग्राम ने राम होने की यात्रा शुरू की, तो रामभक्तों का जमावड़ा सड़क किनारे लगने लगा और देखने लगी…कि किस भाग्यवान के हिस्से में राम होना लिखा है और लंबी प्रतीक्षा के बाद शालिग्राम पत्थर से राम होना है। उसके उस स्वरूप को आँख भर देख लेना चाहते है।

बूढ़े-बुजुर्ग अपनी पीढ़ियों को बतला रहे होंगे, आँखें इन पलों को देखने के लिए व्याकुल थी। न जाने कितनी आँखें इस घड़ी की प्रतीक्षा में सो गई। उन्हें राम को जाते देखना न लिखा था।
देखो, राम जा रहे है और अयोध्या जी की गोद में बैठ जाएंगे।

युवा इन दृश्यों को समेटकर अपनी सबसे बड़ी विरासत में जोड़ लेंगे और आने वाली पीढ़ियों को बतलाएँगे कि शालिग्राम को जाते व राम होते, अपनी आँखों से देखा था।
मेरे राम यही होकर गुजरे और विश्राम को ठहरे थे, हमने उन्हें स्पर्श किया।

तुम जिन्हें देख रहे हो वो राम है।
हमने उन्हें राम होते देखा था, इन आँखों ने जीवन का सबसे सुखद पल संभालकर रखा हुआ है। ताकि तुन्हें अपनी विरासत सौंप सके। राम को देखने लोग घरों से निकल आए, किसी ने आवाज़ तक न लगाई, ना किसी से निमंत्रण दिया।
बस अपने प्रभु के जाने की आहट से पहचान गए कि उनके प्रभु अयोध्याजी के लिए निकल रहे है और कभी भी उनके द्वार से होकर गुजर सकते है। उनके स्वागत में हजारों की संख्या में श्रदालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। आखिर राम जाते कौन न देखना चाहेगा।

उन शिलाओं ने न जाने कितनी तपस्या की होगी, कि स्वयं प्रभु श्रीराम मिले….उनका कद भी अयोध्याजी के मुकाबले रहा होगा। क्योंकि दोनों में राम बसे है, सारे जग में राम है।

उन आँखों को देखना चाहिए, जो पूछती थी।
राम कब आएंगे, देखिए राम जा रहे है। रामभक्त उनका दर्शन लाभ ले रहे है। साथ ही मोदी सरकार के बजट पर चर्चा कर रहे है। कि क्या है बजट मे क्या है?

भगवान राम का मंदिर वास्तव में इतना विराट सपना था जो पूरा हो रहा है… भगवान सब मैनेज कर के रखे थे… अब उनका घर बन रहा है।
जय जय श्री राम



This stone is 60 million years old…..maybe this stone is cursed for 60 million years and is doing penance for liberation. When we got freedom, we were freed from the Gandak river of Nepal and by God’s grace, these stones themselves became God.

I have a lot of faith in God, I am a staunch believer, I know that God is present in every particle, everywhere around us.

He is doing and getting everything done. Now see, there is a festive atmosphere in Ayodhya ji because Ram Lalla is going to his birthplace after years, so how could his in-laws stay behind in such auspicious work. Years old Shaligrams have come out from the Gandaki river of Nepal. These stones were as if immersed in devotion for 60 million years. Came out at the behest of the Lord. It was now decided that the idol of Sitaram would be made from these for the sanctum sanctorum of the Ram temple.

See the Leela of the Lord. Shaligram engaged in penance for years has been blessed with Ram, it is said that not every particle has Ram, but every particle of Shaligram has Ram.

When Shaligram started the journey from Nepal to become Ram, the devotees of Ram started gathering on the road side to see… which lucky person is destined to become Ram and after a long wait, Shaligram stone will become Ram. I want to see that form of him with my eyes.

The elders must be telling their generations, the eyes were anxious to see these moments. Don’t know how many eyes fell asleep waiting for this moment. He didn’t want to see Ram go. Look, Ram is going and will sit on Ayodhya ji’s lap.

The youth will collect these scenes and add them to their greatest legacy and tell the coming generations that they saw Shaligram going and Ram being there with their own eyes. My Ram passed by here and stopped to rest, we touched him.

The one you are seeing is Ram. We saw him being Ram, these eyes have preserved the happiest moments of life. So that he can hand over his legacy to you. People came out of their homes to see Ram, no one even raised their voice, nor did they invite anyone. Just by the sound of his Lord’s departure, he recognized that his Lord is leaving for Ayodhyaji and can pass through his door anytime. Thousands of devotees thronged to welcome him. After all, who would not want to see Ram go.

Don’t know how much penance those rocks must have done, to meet Lord Shri Ram himself….His stature must have been comparable to that of Ayodhyaji. Because Ram resides in both, Ram is in the whole world.

One should see those eyes, which used to ask. When will Ram come, see Ram is going. Ram devotees are taking advantage of his darshan. Also discussing the budget of the Modi government. What is that what is in the budget?

The temple of Lord Ram was really such a big dream which is being fulfilled… God had managed everything… Now his house is being built. Jai Jai Shri Ram

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