आया महीना सावन का मैं,
हरिद्वार को जाउंगा, भोले की कांवड़़ लाउंगा,
मैं हर की पोड़ी जाउगा,
गंगा में गोता लाउंगा,
बम बम कहता आउंगा मैं,
हरिद्वार को ……..
वहां लाखों कावडिये जा रहे हैं,
भोले की मस्ती में नहा रहे हैं,
मस्ती में भोले की नहाऊंगा मैं,
हरिद्वार को ……..
नंगे पैरों कावडिये आ रहे हैं,
छालों से नहीं घबरा रहे हैं,
दुखड़े अपने मिटाऊंगा मैं,
हरिद्वार को …….
भोले को भजन सुनवाऊंगा मैं,
हरिद्वार को….
I came in the month of Sawan,
I will go to Haridwar, I will bring Bhole’s kanwar,
I will go to everyone’s podi,
I will dive in the Ganges,
I will say bomb bomb
Haridwar to………
There are lakhs of kavadiyas going there,
Bathing in the fun of naivety,
I will bathe the naive in fun,
Haridwar to………
Barefoot kavadiyas are coming,
Not afraid of blisters,
I will erase my sorrows,
Haridwar to…….
To Haridwar….