भोले बाबा की जय बम बम भोले की जय,
कंधे कावर उठा के तुम बढ़ते चलो बम बम का जैकारा लगते चलो.
राहो में आये जो दीं दुखी तुम उनको गले लगाते चलो,
भोले बाबा की जय बम बम भोले की जय,
भोले है कैलाश निवासी रिद्धि सीधी उनकी दासी,
जैसे ही त्रिनेत्र वो खोले इन्दर का सिंगासन डोले,
भोले बाबा की जय बम बम भोले की जय,
तीनो लोक के तुम हो स्वामी,
तुम भक्तो के अंतर यामी तेरी भक्ति में वो शक्ति,
जो पावे मिल जावे मुक्ति,
भोले बाबा की जय बम बम भोले की जय,
Bhole baba ki jai bam bam bhole ki jai,
If you lift your shoulders, let’s move on, let’s look like a bomb bomb.
Let the sad ones who came in the way, embrace them,
Bhole baba ki jai bam bam bhole ki jai,
Riddhi Sidhi, a resident of Kailash is naive.
As soon as he opened the Trinetra, Inder’s singing swung,
Bhole baba ki jai bam bam bhole ki jai,
You are the lord of the three worlds,
That power in your devotion between you devotees,
Whatever you get, you get salvation.
Bhole baba ki jai bam bam bhole ki jai,