भोले का डमरू बोले बोल बम बम बम ओमकारा,
रटती जो हर हर बहती धरा पर माँ गंगा की धारा
भोले का डमरू बोले बोल बम बम बम ओमकारा,
नील कंठ भोले नाथ तीन नेत्र धारी को,
चल के मना लो आज भोले भंडारी को,
यहाँ सब का भरे भंडारा बोल बम बम ओमकारा,
अड़रूप नारेश्वर एक रूप तेरा है,
घट घट वासी मरघट में भी डेरा है,
तूने रूप देगमवर धारा बोल बम बम ओमकारा,
दुनिया में पार तेरा कोई नहीं पाया है,
तेरा ही रूप तो तिरलोक में समाया है,
तूने सारे जग को तारा बोल बम बम ओमकारा,
Bhole ka damru bole bol bam bam bam omkara,
Mother Ganga’s stream on every flowing stream
Bhole ka damru bole bol bam bam bam omkara,
Neel Kanth Bhole Nath to the three eyed person,
Come and convince the innocent Bhandari today,
Bhandara Bol Bam Bam Omkara filled with everyone here,
Arup Nareshwar is your one form,
Ghat Ghat residents are also camping in Marghat,
Tune Roop Degmavar Dhara Bol Bam Bam Omkara,
No one has found you beyond in the world,
Your own form is contained in Tirlok,
You have made the whole world like Tara Bol Bam Bam Omkara,