हरियाणा से आये कावड़िया रे कंधे में कावड़ लटके,
हये रे भोले तेरी भांग ने पी के तेरे कावड़ियाँ मटके,
डम डम वाजे डमरू छम छम छम भजे घुंगरू,
नाव गंगा में घटके
हये रे भोले तेरी भांग ने पी के तेरे कावड़ियाँ मटके,
अरे सावन का रंग बरस रहा से बैठा भोला हरष रहा से ,
नाम तेरा चाले रत के,
हये रे भोले तेरी भांग ने पी के तेरे कावड़ियाँ मटके,
लिख आज़ाद मड़ोरी कान्हा कैसे मजुइक छेड़े तराना,
संध्या तर्ज तेरी भटके,
हये रे भोले तेरी भांग ने पी के तेरे कावड़ियाँ मटके,
Kavadiya Ray, who came from Haryana, hangs Kavad in his shoulder,
Hey re bhole teri bhang ne pe ke tere kawadiya matke,
Dum Dum Waje Dumru Cham Cham Cham Bhaje Ghungroo,
boat sinks into the Ganges
Hey re bhole teri bhang ne pe ke tere kawadiya matke,
Hey, the color of Sawan is raining, but Bhola Harsh has been sitting,
Naam tera chale rat ke,
Hey re bhole teri bhang ne pe ke tere kawadiya matke,
Likh Azad Madori Kanha how to make fun of me,
Evening lines your wandering,
Hey re bhole teri bhang ne pe ke tere kawadiya matke,