कावड़ उठा ने को शिव के द्वार चल हरिद्वार भोले चल हरिद्वार,
शिव के दीवानो का रेला चला गंगा के तट पे है मेला लगा,
कावड़ियों की हरिद्वार में आई है बहार,चल हरिद्वार भोले चल हरिद्वार,
भोले ही भोले दिखे चार और चारो तरफ बम भोले का शोर,
कर देंगे शम्भू तेरा बेडा पार,चल हरिद्वार भोले चल हरिद्वार,
सावन महीना है शिव को मना गंगा जल बरसन दे कावड़ उठा,
शर्मा तू अर्जी लगा एक बार चल हरिद्वार भोले चल हरिद्वार,
Kavad lifted up, walked to the door of Shiva, went to Haridwar, Bhole walked to Haridwar,
There was a train of lovers of Shiva, a fair was held on the banks of the Ganges,
Kavadis have come out in Haridwar, let’s go to Haridwar, let’s go to Haridwar
The innocent looked four and the noise of the bomb naive all around,
Shambhu will cross your fleet, let’s go to Haridwar, Bhole walk to Haridwar,
It is the month of Sawan, the water of the Ganges was celebrated to Shiva, Kavad got up.
Sharma, you have applied once, go to Haridwar, Bhole walk to Haridwar,