मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु,
तेरे दरबार से ही सब कुछ मैं तो पाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु,
तेरा गुण गान पहली वार जब मैं गई थी,
दिल में अरमान लेके धाम तेरे आई थी,
तेरी किरपा से ही भोले ले नाम कमाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु,
जब तलक जान है एहसान न भुलाऊ गी,
तेरे भुलावे पे दोहडी चली आउंगी,
तेरी चौकठ पे ही मैं सारे गम भुलाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु,
I have come again to your door, Bhole Nath.
I have got everything from your court.
I have come again to your door, Bhole Nath.
When I went to sing your praises the first time,
With the desire in the heart, the abode came to you,
I have earned my name from your kirpa,
I have come again to your door, Bhole Nath.
When there is divorce, I will not forget the favor,
I will walk on your mistake,
I have forgotten all the sorrows at your doorstep,
I have come again to your door, Bhole Nath.