शिव हर शंकर नमामी शंकर शिव शंकर शंभो,
हे गिरिजापती भवानी शंकर शिव शंकर शंभो!!
तीनों लोक के पालनहार ।
तुमको नमन है बारम्बार ।।
डम डम तुम्हारा डमरू बोले,
अगम निगम के भेद ये खोले ।
करके बैल सवारी तुम आते हो,
सबको भव सागर पार लगाते हो ।
नाम तुम्हारा भोले भण्डारी,
हरते हो सबकी बिपदा सारी ।
मुझे शरण अपनी लगा लेना,
कष्ट मेरे सभी तुम मिटा देना ।
मेरी भूल सभी मिटा देना,
बस भव से पार लगा देना ।
ये भक्त तेरा अग्यानी है,
शायद कुछ नादानी है ।
अपने भक्तों को शरण लगा ले,
सोई हुई किस्मत को अब जगा दे ।
तीनों लोक के पालनहार
करूँ तुझसे विनती बारम्बार,