तोड़ दूंगी मैं सिलवटिया फोडू गी चिलमिया जी
पीने न दूंगी भोले दानी तुम को भंगियाँ जी
मानो गे ना बात मेरी मैं रूठ जाउंगी
कितना मनाओ गे फिर मान ने पाउगी
भंग धतुरा छोड़ के स्वामी खाओ माखन मलैया जी
पीने न दूंगी भोले दानी तुम को भंगियाँ जी
मायके चली जाउंगी लेके कार्तिक गणेश को
छोडूगी केलाश फिर न आऊ तेरे देश को
तंग आ गी तेरे नशे से सुन लो मेरे सिया जी
पीने न दूंगी भोले दानी तुम को भंगियाँ जी
I will break the silhouette of Fodu, Chilmia
I will not let you drink bhangiyas
Believe me, I’ll get angry
How much will you persuade her then she will not be able to respect her
Leave Bhang Dhatura and eat Makhan Malaiya Ji
I will not let you drink bhangiyas
I will go home with Kartik Ganesh
I will leave Kelash and not come back to your country
Tired of your drunkenness, listen to me, my Lord
I will not let you drink bhangiyas