
“सीया-रघुवर जी की आरती”
सीया-रघुवर जी की आरती, शुभ आरती कीजिये -२सीस मुकुट काने कुण्डल शोभे -२राम लखन सीय जानकी, शुभ आरती कीजियेसीया-रघुवर जी
सीया-रघुवर जी की आरती, शुभ आरती कीजिये -२सीस मुकुट काने कुण्डल शोभे -२राम लखन सीय जानकी, शुभ आरती कीजियेसीया-रघुवर जी
जय जय तुलसी मातासब जग की सुख दाता, वर दाताजय जय तुलसी माता सब योगो के ऊपर, सब रोगों
आरती श्री रामायण जी की कीरति कलित ललित सिय पी की। गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद बाल्मीक विग्यान बिशारद। शुक सनकादि