
भगवान को पुकारता
हे प्रभु हे स्वामी भगवान नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से प्रणाम और वन्दन करती हूँ। एक भक्त को
हे प्रभु हे स्वामी भगवान नाथ मै तुम्हे शिश नवाकर अन्तर्मन से प्रणाम और वन्दन करती हूँ। एक भक्त को
अच्छा व्यक्ति ढुढने के लिए पहले हमें अच्छा बनना पड़ेगा यदि हम अच्छे नहीं है तब कोई व्यक्ति अच्छा नहीं
हम भगवान को दुखो को मिटाने के लिए न ध्या कर भगवान के दर्शन के लिए भगवान से एकाकार होने
भगवान् के भजन कीर्तन में अपार सम्पति समाई हुई है। भगवान् का चिन्तन करते रहे एक दिन भगवान अन्तर्मन में
गृहस्थाश्रम भगवत्प्राप्ति का सही मार्ग हैं। गृहस्थ धर्म में मै को त्याग कर अपने परिवार के प्रति त्याग भाव से
परम पिता परमात्मा को हम साथ रखते हैं तभी हमारा भीतरी प्रदुषण खत्म हो सकता है।परमात्मा में सद्गुरु जी मे
हम मन्दिर जाते हैं मन्दिर के प्रागणं में शान्ति को महसूस करते हैं। हम शान्ति महसूस इसलिए करते हैं क्योंकि
आज का प्राणी मन के द्वार पर बैठा है। मन मेरा मेरी करता है। उसमें अधिक पाने की इच्छाए है।
आज mobile में भगवान के अनेको रूप दिखाए जा रहे हैं। और हर मन्दिर के रूप की फोटो आने लग
आज का समय ऐसा आया है कि कोई एक दूसरे को खुश देखकर एक दूसरे से बोल कर भी खुश