[117]”श्रीचैतन्य–चरितावली”
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामगुण्टिचा (उद्यान मन्दिर) मार्जन श्रीगुण्टिचामन्दिरमात्मवृन्दै:सम्मार्जयन् क्षालनत: स गौर:।स्वचित्तवच्छीतलमुज्ज्वलञ्चकृष्णोपवेशौपयिकं चकार।। संसार में असंख्यों घटनाएं