
सतगुरु की सेवा
एक गाँव में एक मजदूर रहता था जो दिहाड़ी करकेअपने बीवी और बेटे के साथ परिवार का गुज़ारा करता था

एक गाँव में एक मजदूर रहता था जो दिहाड़ी करकेअपने बीवी और बेटे के साथ परिवार का गुज़ारा करता था

एक जगह चर्चा चल रही थी कि गुरू कैसा होना चाहिए. हम सभी यही कहते हैं कि गुरू तो अच्छा

Ek bujurg mataji beas se kuch door rehti thi woh guru ki pyaari thi. Roz subha bhajan simran Karti aur

एक बार एक संत ने अपने दो भक्तों को बुलाया और कहा आप को यहाँ से पचास कोस जाना है।

दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आईना हाथ मे लिए अपना चेहरा देख रहे

*ज्ञान हमेशा झुककर ही हासिल कियाजा सकता है खुद को ज्ञानी समझने से नहीं।। एक शिष्य गुरू के पास आया।

सूरा सो पहचानिये, जो लड़े दीन के हेत । पूर्जा पूर्जा कट मरे, कबहू न छोड़े खेत ।। हमारा देश

सुभाषितॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥ अर्थात:परमेश्वर हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ

सभी महान गुरुजन बताते हैं, कि इस शरीर के भीतर अमर आत्मा है। उस ईश्वर की एक चिंगारी जो सब

एक गृहस्थ भक्त अपनी जीविका का आधा भाग घर में दो दिन के खर्च के लिए पत्नी को देकर अपने