
मृत्यु से भय क्यों
एक राजा के मन में यह काल्पनिक भय बैठ गया कि शत्रु उसके महल पर आक्रमण कर उसकी हत्या कर
एक राजा के मन में यह काल्पनिक भय बैठ गया कि शत्रु उसके महल पर आक्रमण कर उसकी हत्या कर
“माता ! मैं आ रहा हूँ”- कंस के कारागार में बंद देवकी के कानों में एकाएक यह कैसा, किसका मिश्री-सम
जब नन्हा कान्हा बोल उठा.. मां मैं ही श्री राम था। बालक कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि
कृष्ण मिलन यज्ञ में श्रद्धा पत्नी है ,आत्मा यजमान ,शरीर यज्ञ भूमि और फल परमात्मा विष्णु से मिलन,परमात्मा से मिलन
।। भगवान जगन्नाथ ।। भगवान जगन्नाथ साक्षात् श्रीकृष्ण हैं, सबकुछ बदलने के बाद भी ईश्वर जो सतयुग, त्रेता और द्वापर
ब्रह्मांड का दिव्य स्वरूप भगवान कृष्ण अर्जुन को कहते हैं न तो योग के द्वारा, न ही भौतिक नेत्रों से
बरसाने में आज श्री राधिका जी के मुखमंडल पर कुछ उदासी सी छायी देखकर वृषभानु बाबा अति लाड से पूछ
पूर्वकाल में घटित यह प्रसंग गोलोकधाम का है। श्रीकृष्ण की तीन पत्नियाँ हुईं–श्रीराधा, विरजा और भूदेवी। इन तीनों में श्रीकृष्ण
भगवान के सभी नाम श्रेष्ठ हैं, सभी धाम पवित्र हैं, सभी स्वरूप ध्येय (ध्यान करने के लिए) हैं; फिर भी
भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले,” पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव … ?उनका ध्यान रखना ,