कृष्णरासेश्वर- स्तोत्रम् शरदपूर्णिमा
।। श्रीकृष्णरासेश्वर- स्तोत्रम् ।।(शरदपूर्णिमा विशेष) विनियोग-ॐ अस्य श्रीकृष्णरासेश्वर-स्तोत्रस्य नारद ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीरासेश्वरः श्रीकृष्णो देवता, “क्लीं” बीजं, “ह्रीं” शक्तिः, “श्रीं” कीलकम्,
।। श्रीकृष्णरासेश्वर- स्तोत्रम् ।।(शरदपूर्णिमा विशेष) विनियोग-ॐ अस्य श्रीकृष्णरासेश्वर-स्तोत्रस्य नारद ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीरासेश्वरः श्रीकृष्णो देवता, “क्लीं” बीजं, “ह्रीं” शक्तिः, “श्रीं” कीलकम्,

भगवान् श्रीकृष्ण ही परम पुरुष तथा सर्वतन्त्र स्वतन्त्र परमात्मा है। सृष्टिके अवसरपर परब्रह्म श्रीकृष्ण ही स्वयं दो रूपोंमें प्रकट होते

मैंने सुना है, अकबर ने तानसेन को एक बार कहा कि तुम्हारा संगीत अपूर्व है। मैं सोच भी नहीं सकता

. “वृंदावन का इतिहास” वृंदावन तो हम सभी जाते हैं परन्तु वृंदावन के इतिहास को कम ही लोग जानते

श्रीधाम वृन्दावन, यह एक ऐसी पावन भूमि है, जिस भूमि पर आने मात्र से ही सभी पापों का नाश

सनातन गोस्वामी का नियम था गिरि गोवर्द्धन की नित्य परिक्रमा करना.. अब उनकी अवस्था 90 वर्ष की हो गयी थी,

एक राजा के मन में यह काल्पनिक भय बैठ गया कि शत्रु उसके महल पर आक्रमण कर उसकी हत्या कर

“माता ! मैं आ रहा हूँ”- कंस के कारागार में बंद देवकी के कानों में एकाएक यह कैसा, किसका मिश्री-सम

जब नन्हा कान्हा बोल उठा.. मां मैं ही श्री राम था। बालक कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि

कृष्ण मिलन यज्ञ में श्रद्धा पत्नी है ,आत्मा यजमान ,शरीर यज्ञ भूमि और फल परमात्मा विष्णु से मिलन,परमात्मा से मिलन