
प्रभु का आभामंडल
ये सुरज और चांद नहीं ये प्रभु का आभामंडल है। भगवान कृष्ण जल में झांकते है मस्तक पर चमकता प्रकाश
ये सुरज और चांद नहीं ये प्रभु का आभामंडल है। भगवान कृष्ण जल में झांकते है मस्तक पर चमकता प्रकाश
परमात्मा श्रीराम परम आनंद का स्वरुप हैं । जो श्रीराम से प्यार करता है ,उसका जीवन भी परम आनंद
तुम मंदिर में श्रीराम जी का दर्शन करते हो ,उस समय तुमको लगता होगा कि जैसे मेरे हाथ पैर हैं
भगवान् कहते हैं कि तु मुझे पत्थर की मूर्ति में ढुढेगा तो तेरा दिल पत्थर जैसा कठोर बन जाएगा जङ
भगवान् की सारी क्रियाओं को देखकर उनके भक्त मुग्ध होते थे। यह देखकर, विचार कर हम भी मुग्ध होवें तो
अस्पताल में एक पेशेंट का केस आया ।मरीज बेहद सीरियस था । अस्पताल के मालिक डॉक्टर ने तत्काल खुद जाकर
भगवान आनंदमय उनकी मधुर वाणी मैं सुन रहा हूँ, वे बोल रहे हैं भगवान् के साथ एकान्तवास है वे मुझे
भगवान कृष्ण अर्जुन को कर्मयोग में ज्ञानयोग भक्तीयोग को समझा रहे हैं। कर्म जब भगवान को भजते हुए समर्पित भाव
परम पिता परमात्मा का चित से चिन्तन करते हुए आनंद मे वही डुब सकता है। जिसके दिल में परम पिता
भगवान कृष्ण सब के साथ सौदेबाजी नहीं करते हैं। जो राम नाम भगवान को भजते हैं भगवान उस के साथ