श्रीकृष्ण का छठी पूजन महोत्सव
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है? भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे मनाया गया?
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है? भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे मनाया गया?
आज लाला एक दिन के हो गये है रेवती मैया यशोदा मैया जो को सखियों के साथ मोर पंख दे
श्रीहनुमान जी को चोला चढाने से साधक को श्रीहनुमान जी कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से श्री हनुमानजी प्रसन्न
भगवान श्रीगणेश सभी सुख समृधि देने वाले देवता है जिन्हें पञ्चदेवों में भी स्थान प्राप्त है। देवी देवताओ की असंख्य
आज नंदोत्सव है । नंदोत्सव अर्थात कल रात्रि में भगवान श्री कृष्ण नर रूप में पृथ्वी तल पर प्रकट हुए
हनुमानजी के इन १२ नामों का जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने
श्री गणेशाय नमः। ॐ नमो विश्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की
🌹 राधे राधे 🌹 बाबा नंद माँ यशोदा के मनमोद कूँ सुख प्रदान कर समूचे बृज की त्रिलोक में प्रतिष्ठा
मंद मंद बारिश होने लगी है। अर्ध रात्रि का समय है। देवकी और वसुदेव के हाथ-पैरो की बेड़ियां खुल गई