जय श्री गणेश समय सही होता नहीं बनाया जाता है
एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु से जीवन जीने का सही समय पूछा। तब वह शिष्य को अपने साथ
एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु से जीवन जीने का सही समय पूछा। तब वह शिष्य को अपने साथ
हनुमान जी की पूजा से ही नहीं बल्कि उनसे कुछ बातें सीख लेने पर भी हमारी सभी परेशानियां दूर हो
मनुष्यों के पृथ्वीतत्त्व प्रधान शरीरों की अपेक्षा देवताओं के शरीर तेजस्तत्त्व प्रधान, दिव्य और शुद्ध होते हैं। देवताओं के शरीरों
बात उन दिनों की है जब यशोदा-नन्दन भगवान श्रीकृष्ण, श्रीचैतन्य महाप्रभुजी के रूप में पृथ्वी पर आये हुये थे। उनके
मीरा हँस पड़ी- ‘ऐसा न करना हो। भगवान् धरती पर पधारते हैं तो उन्हें देखकर, छूकर, सुनकर, कैसे भी उनसे
यह स्तोत्र स्वयं सिद्ध अनुभूत तथा अचूक है। अति गोपनीय स्तोत्र का जीवन में प्रयोग करें और अत्यंत चमत्कारिक लाभ
नगर से सैकड़ों कोस दूर सुदूर वन में तपस्या कर रहे उस वृद्ध ऋषि ने दूर उस निश्चित स्थान की
स्वामी विवेकानंद एक बार एक रेलवे स्टेशन पर बैठे थे उनका अयाचक (ऐसा व्रत जिसमें किसी से मांग कर भोजन
एक समय की बात है एक भाई बहन रहते थे। बहन का नियम था कि वह अपने भाई का चेहरा
रह-रहकर उसके नेत्र अर्धनिमीलित हो जाते हैं। पुकारने पर वह उनकी ओर देखती तो है, किन्तु जैसे उस दृष्टिमें जीवन