हनुमान जी जन्मोत्सव की शुभकामनाएं 13
हरि,ॐ🕉️जय श्री राम!कह कपि हृदयँ धीर धरु माता । सुमिरु राम सेवक सुखदाता ॥ उर आनहु रघुपति प्रभुताई । सुनि
हरि,ॐ🕉️जय श्री राम!कह कपि हृदयँ धीर धरु माता । सुमिरु राम सेवक सुखदाता ॥ उर आनहु रघुपति प्रभुताई । सुनि
।। ।।(महारुद्र) यहां हनुमानजी के पंचमुख का रहस्य, सरल पूजा विधान ओर पंचवक्त्र स्तोत्र हिंदी भावार्थ के साथ प्रस्तुत कर
हनुमत वंदन 🙏 राम भक्त हनुमान का, जपूँ सतत में नाम।तीन लोक में कठिन सा,लगे नहीं कुछ काम।। सरल लगे
हे दुःख भन्जन, मारुति नंदन,सुन लो मेरी पुकार !पवनसुत विनती बारम्बार।। अष्ट सिद्धि नव निद्दी के दाता,दुखिओं के तुम भाग्यविदाता।सियाराम
एक समय की बात है, जब किशोरी जी को यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाता
कृष्णभक्त संत द्वारा प्रदत्त ठाकुर जी … एक बार ऐसे ही मीरा राज महल में ठहरे एक संत के समीप
कठिनाई उस समय हुई जब बड़ी बहन गुलाब कुँवर बाईसा ने कहा “मुंह खोलो भाई! बेटी के बाप बने हो।
राव जयमल की तीन रानियां थी। इनमें से दो राजकुमारी और सोलह राजकुमार हुए। पांचवे पुत्र मुकंद दास उनके उत्तराधिकारी
दरिद्रता और ऋण के भार से दु:खी व संसार की पीड़ा से व्यथित मनुष्यों के लिए प्रदोष पूजा व व्रत
कोई भक्त,रसिक जब लम्बी गहरी सांस लेकर..आँखों में प्रेमाश्रु भर कर..आह कृष्ण…हे गोविन्द !..मेरे माधव कह कर पुकारता है तो