*1*रासलीला रहस्य
काम पूरा करके चलें ऐसा गोपियों ने नहीं सोचा। वे चल पड़ीं, उस विषयासक्ति-शून्य संन्यासी के समान, जिसका हृदय वैराग्य
काम पूरा करके चलें ऐसा गोपियों ने नहीं सोचा। वे चल पड़ीं, उस विषयासक्ति-शून्य संन्यासी के समान, जिसका हृदय वैराग्य
कन्हैया व्रज में एक गोपी के घर जाकर उस गोपी से कहते है- “क्या मैं तनिक सा मक्खन ले लूँ”गोपी
जगत का कल्याण करने वाली जगत जननी मां आपको कोटि कोटि प्रणाम। समस्त संसार का लालन पालन करने वाली भगवती
अयोध्या के राजमहलों से निकल कर श्रीराम ने वन की राह पकड़ ली। तपस्वी सा श्रृंगार और वीरों सा ओज।
राम नवमी अर्थात राम जन्मोत्सव की अनेकानेक बधाइयाँआज का सत्संग श्री रामचन्द्र जी का चरित्र मर्यादित भक्ति सिखाती है और
“राम तुम्हारा चरितस्वयं ही महाकाव्य है।कोई कवि बन जाएसहज संभाव्य है।”(मैथली शरण गुप्त) वस्तुतः श्री राम ऐसे सांस्कृतिक प्रतीक हैं,
भगवान श्री राम प्राकट्योत्सव कीसभी स्नेहीजनों को हार्दिक शुभकामनाएं..! ।। श्रीरामचरितमानस- बालकाण्ड ।।(राम जन्म) चौपाई-सुनि सिसु रुदन परम प्रिय बानी।संभ्रम
।। श्रीराम परमात्मने नमः ।। प्रसन्नवदनाम्भोज पद्मगर्भारुणेक्षणम्।नीलोत्पलदलश्यामं शङ्खचक्रगदाधरम्।। लसत्पङ्कजकिअल्कपीतकोशेयवाससम्।श्रीवत्सवक्षसं भ्राजत्कौस्तुभामुक्तकन्धरम्।। अर्थ-भगवान् का मुख कमल आनन्द से प्रफुल्ल है, नेत्र कमल
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।।१।। आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।२।। मन्त्रहीनं क्रियाहीनं
महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ आरंभ करने की ठानी। महाराज की आज्ञानुसार श्यामकर्ण घोड़ा चतुरंगिनी सेना के साथ