
*खाटू श्याम*
बर्बरीक (खाटूश्याम) घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते थे. बर्बरीक भगवान शिव के एक बड़े भक्त थे. तपस्या और

बर्बरीक (खाटूश्याम) घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते थे. बर्बरीक भगवान शिव के एक बड़े भक्त थे. तपस्या और

(मैंने रामायण महाकाव्य लिखा था – हनुमान) बुद्धिमतां वरिष्ठम्…(गो. श्री तुलसी दास) आपने रामायण महाकाव्य का भी लेखन किया था

सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया* । तुलसीदास ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी

जिस प्रकार सोना 18 कैरेट का भी होता है 20 कैरेट का भी होता है 22 का भी होता है

. जगत -जननी पार्वतीजी ने एक भूखे भक्त को श्मशान में चिता के अंगारों पर रोटी सेंकते देखा तो वे

.सन् 1974-75 की बात हैः जयपुर के पास हनुमान जी का मंदिर है जहाँ हर साल मेला लगता है और

तमसो मा ज्योतिर्गमय’हे सूर्य! हमें भी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो…हिंदू धर्म ने माह को दो भागों में

आज के विचार (श्री रामराज्याभिषेक के दिन…)भाग-40 अपने वश करि राखे रामू…(गो. श्रीतुलसी दास) आहा ! मेरे आराध्य की भूमि…

.एक बार कान्हा अपनी सखा मण्डली के साथ वन में खेल रहे थे। सभी सखा अपने सखा कान्हा के साथ

आज के विचार (श्रीसीता राम जी का मिलन)भाग-39 जय रघुबीर कहहिं सब कोई…(रामचरितमानस) हनुमान ! अब मुझे प्रभु के पास