[119]”श्रीचैतन्य–चरितावली”
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाराज प्रतापरुद्र को प्रेमदान राज्यातिमानं सुकुलाभिमानंश्रीकृष्णचैतन्यमयौदयार्थम।सर्वं त्यजेद्भक्तवर: स राजाप्रतापरुद्रो मम मान्यपूज्य:।। कबीर बाबा
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाराज प्रतापरुद्र को प्रेमदान राज्यातिमानं सुकुलाभिमानंश्रीकृष्णचैतन्यमयौदयार्थम।सर्वं त्यजेद्भक्तवर: स राजाप्रतापरुद्रो मम मान्यपूज्य:।। कबीर बाबा
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा स जीयात कृष्णचैतन्य: श्रीरथाग्रे ननर्त य:।येनासीज्जगतां चित्रं
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामगुण्टिचा (उद्यान मन्दिर) मार्जन श्रीगुण्टिचामन्दिरमात्मवृन्दै:सम्मार्जयन् क्षालनत: स गौर:।स्वचित्तवच्छीतलमुज्ज्वलञ्चकृष्णोपवेशौपयिकं चकार।। संसार में असंख्यों घटनाएं
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामराजपुत्र को प्रेम दान कटकाधिपस्य तनयं गौरवर्णं मनोहरम।आलिंगते सुप्रेम्णा तं गौरचन्द्रं नमाम्यहम।। मनुष्य
दुर्भाग्य से मिल जाएगी मुक्ति; भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा…अगर दुर्भाग्य आपका लगातार पीछा कर रहा है.
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामभक्तों के साथ महाप्रभु की भेंट यस्यैव पादाम्बुजभक्तिलभ्य:प्रेमाभिधान: परम: पुमर्थ:तस्मै जगन्मगंलमगलायचैतन्यचन्द्राय नमो नमस्ते।।
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाराज प्रतापरुद्र को प्रभु दर्शन के लिये आतुरता हेलोद्धूलितखेदया विशदया प्रोन्मीलदामोदया।शाम्यच्छास्त्रविवादया रसदया चित्तार्पितोन्मादया।शश्वद्भक्तिविनोदया
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामप्रेम रस लोलुप भ्रमर भक्तों का आगमन क्वचित क्वचिदयं यातु स्थातुं प्रेमवशंवद: ।न
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामगौर भक्तों का पुरी में अपूर्व सम्मिलन वाञ्छाकल्पतरुभ्यश्च कृपासिन्धुभ्य एव च।पतितानां पावनेभ्यो वैष्णवेभ्यो
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामनीलाचल में प्रभु का प्रत्यागमन उद्दामदामनकदामगणाभिराममारामरामविररामगृहीतनाम।कारुण्यधाम कनकोज्ज्वलगौरधामचैतन्यनाम परमं कलयाम धाम।। बड़ौदा से चलकर