🙏 संत प्रणाम का फल 🙏
एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को
एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को
एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे, श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा थी उनकी, उनका प्रतिदिन का नियम था कि
हम अपने घर को जीतेजी खुब चमका कर रखे। हमारे घर के कोने कोने में एक चमक हो हमारा घर
” क्या तुम नहीं देखते कि आधी आयु तो नींद से ही नष्ट हो जाती है??? और कुछ आयु भोजन
1-निर्माल्य संस्कृत शब्द है। देवता को चढ़ाये गये, देवता को धारण कराये गये पुष्प, पुष्पमाला,नैवेद्य इत्यादि को देवता के विसर्जन,
रामकृष्ण परमहंस को गले का कैंसर था। पानी भी भीतर जाना मुश्किल हो गया, भोजन भी जाना मुश्किल हो गया।
एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैं। सभी सखी आपस में श्री राधा
दीख जाइ उपबन बर सर बिगसित बहु कंज।मंदिर एक रुचिर तहँ बैठि नारि तप पुंज।। अर्थ-अंदर जाकर उन्होंने एक उत्तम
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏 बिना श्रद्धा के विस्वास नही, विस्वास के बिना भक्ति नहीं,भक्ति के बिना प्रेम
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर है। इन्हें तीनों लोकों की माता