भगवान (Bhagvan)

landscape 4269477 6409118945636802928775

दिव्य राधा-माधव –प्रेम की मधुर झाँकी)
प्रेममूलक त्याग या गोपीभाव )
(पोस्ट 2 )

|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी गत पोस्ट से आगे —–इसी प्रकार प्रेम-प्रतिमा प्रेयसी अपने प्राणप्रियतम के लिये त्याग कराती है;

Read More...
IMG WA

श्री राधा, भाग :- 2

“जय हो जगत्पावन प्रेम कि जय हो उस अनिर्वचनीय प्रेम कि उस प्रेम कि जय हो, जिसे पाकर कुछ पानें

Read More...
sea beach ocean

श्री राधा,भाग :- 1

कल कल करती हुई कालिंदी बह रहीं थीं। घना कुँज था फूल खिले थे उसमे से निकलती मादक सुगन्ध सम्पूर्ण

Read More...