गरबा रास का अनसुना रहस्य (भाग – ०१)
“रासबिहारी होते हुए भी श्रीकृष्ण ब्रह्मचारी कहलाए, इसका मर्म क्या है? आज के आधुनिक समाज में रासलीला का क्या महत्व
“रासबिहारी होते हुए भी श्रीकृष्ण ब्रह्मचारी कहलाए, इसका मर्म क्या है? आज के आधुनिक समाज में रासलीला का क्या महत्व
एक गृहस्थ भक्त अपनी जीविका का आधा भाग घर में दो दिन के खर्च के लिए पत्नी को देकर अपने
✨ 🌺।। श्रीराधे ।।🌺 🌺✨सभी को “धन तेरस” पर श्रीराधा नाम धन की प्राप्ति हो श्रीजी के प्रेम रूपी धन
कथा पढ़ने या सुनने से ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है, कभी धन की कमी नहीं रहती..एक गांव में साहूकार
गोप्य ऊचुः ।जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजःश्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि ।दयित दृश्यतां दिक्षु तावका-स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥ १॥ शरदुदाशये साधुजातस-त्सरसिजोदरश्रीमुषा दृशा
बड़े भाग्य से यह अनमोल शरीर हमें मिला है।हम इस त्रिलोकी में फसे हुए अंधे कीड़े हैं। जो दर-दर की
अथ श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचम्श्रीगणेशाय नम:|ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:|गायत्री छंद:| पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता| ह्रीम् बीजम्|श्रीम् शक्ति:| क्रौम् कीलकम्| क्रूम् कवचम्|क्रैम् अस्त्राय फट्
बनवास में रहते हुए दस वर्ष हो चुके थे , इतने वर्ष घर से दूर रहने के कारण तीनों के
एक दिन कान्हा जी छुपते छुपाते एक गोपी के घर में प्रवेश हुए। चारो तरफ माखन की मटकी ढुंढ रहे
सुबह का समय है। श्रीप्रिया-प्रियतम ने बालभोग आरोग लिया है।.मुख-प्रक्षालन करके श्रीप्रिया-प्रियतम ने ताम्बूल पा लिया है।.इसी समय श्री ललिता