सत्संग का प्रभाव कथा
एक राजा बड़ा सनकी था। एक बार सूर्यग्रहण हुआ तो उसने राजपंडितों से पूछा, ‘‘सूर्यग्रहण क्यों होता है?’’पंडित बोले, ‘‘राहू
एक राजा बड़ा सनकी था। एक बार सूर्यग्रहण हुआ तो उसने राजपंडितों से पूछा, ‘‘सूर्यग्रहण क्यों होता है?’’पंडित बोले, ‘‘राहू
तमसो मा ज्योतिर्गमय’हे सूर्य! हमें भी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो…हिंदू धर्म ने माह को दो भागों में
| सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह
सूर्य को अगर विज्ञान की नजर से देखें तो भी वह भगवान से कम नहीं क्योंकि सूर्य के बिना जीवन
आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते।। जो मनुष्य सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करते है उनकी
एक ब्राम्हण था ,वह सूरज भगवान का भक्त था. नहाता,धोता,कहानी कहता था पर कमाता कुछ भी नहीं था. ब्राम्हण घर
जो भी साधक हर रोज उगते सूर्य के सामने बैठकर भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ अर्थ सहित करता