
सोने का छत्र चढ़ाऊ
सोने का छत्र चढ़ाऊ मेरी माँ पूरी करदे मुरादे, हरी हरी गोबर ने आँगन लिपाऊ, आंगन लिपाऊ मैया अनजान लिपाऊ,

सोने का छत्र चढ़ाऊ मेरी माँ पूरी करदे मुरादे, हरी हरी गोबर ने आँगन लिपाऊ, आंगन लिपाऊ मैया अनजान लिपाऊ,

ਲੱਗੀਆਂ ਪ੍ਰੇਮ ਦੀਆ ਅੱਖੀਆਂ ਨੀ ਮਾਂ ਨਾਲ ਸ਼ੇਰਾਂ ਵਾਲੀ ਦੇ । ਨਾਲ ਸ਼ੇਰਾਂ ਵਾਲੀ ਦੇ, ਨਾਲ ਮੇਹਰਾਂ ਵਾਲੀ ਦੇ ।

मेले तेरे मन्दिराँ/भवना ते दातिये लगदे ने मेले, मेले बड़े वेखे ने ऐहो जेहे वेखे ना मेले, मेले तेरे मन्दिराँ

इतनी अर्जी है मेरी माँ कर लेना स्वीकार, जितनी बार जनम लूँ तेरा ही पाऊँ दरबार, यही है मेरी अर्जी

मेरी अम्बे भोली भाली है, यह मैया शक्तिशाली है, मां जैसा कोई होए, मां जैसा कोई वीर नहीं मां जैसा

उचे उचे पर्वत पर है मैया का दरबार सिंह सवारी बैठी माँ की महिमा बड़ी अपार, शेरोवाली करे ज्योता वाली

मुझे भगती शक्ति मुक्ति का मैया वर दे तेरा नाम जपु मैं नर्मदे हर नर्मदे मुझे भगती शक्ति मुक्ति का

ये जिंगदी ख़ास है माँ तू मेरे साथ है, और क्या चाहिए उस रब से मेरे सिर पे तेरा हाथ

दुनिया से दूर जा रहा हूँ माँ मैं तेरे पास आ रहा हूँ जय माता जय माता हर आता हर

जाने जग वाले मेले में कहा खो गई, मुझे छोड़ के अकेले में कहा वो गई, काहा दुंडे मैं जाऊ