
दरबार अनोखा देखा झण्डेवाली का
दरबार अनोखा देखा झण्डेवाली का प्यार अनोखा देखा झंडे वाली का माँ झंडे वाली नमो नमो माँ किरपा इतनी करती

दरबार अनोखा देखा झण्डेवाली का प्यार अनोखा देखा झंडे वाली का माँ झंडे वाली नमो नमो माँ किरपा इतनी करती

चिठ्ठिया पावे ते नाले सद्दे आप जी माए, मंग लो मंग लो जी बैठी खोल जी माए। जिस ने मन्गेआ

तेरा रूप बड़ा विकराल कालका डर लागे, डर लागे माँ डर लागे, बागो में तू फिरे अकेली, तेरे खुल गये

ओ मैया खोल दे नैना तेरे दरबार आया हु तेरे बिन ना मिले चैना तेरा दरबार आया हु सुना है

क्षमा करो अपराध, शरण माँ आया हूँ माता वैष्णो द्वार मै झुकायाँ हूँ देवों के सब संकट तारे रक्त बीज

खोल दे भवानी बूहे खोल दे भवानी खोल दे भवानी बूहे खोल दे भवानी दर आए ने सवाली बूहे खोल

मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी ॥ जब मस्ती चढ़ गयी नाम की, फिर ये दुनिया

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंबे संत जनों के काज में, करती नहीं विलंब॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि

मेरी माँ ने मौजा ला दितीया मैं वारी जावा दाती दे सब खैरा झोली पा दितियाँ मैं वारी जावा दाती

मने सुनी मेरी मैया रानी भर भर झोली बांटे से मेरी बारी कब आवेगी मने क्यों पाछे ने राखे से,