हे पापविनाशिनी मईया
हे पापविनाशिनी मईया, जगजननी तू है जगतारिणी, भक्तों के दुख हर ले श्यामा, मईया तू है दुखहारिणी ॥ जप-तप-योग कुछ
हे पापविनाशिनी मईया, जगजननी तू है जगतारिणी, भक्तों के दुख हर ले श्यामा, मईया तू है दुखहारिणी ॥ जप-तप-योग कुछ
एह्नु इको वारी केहना पेंदा मन जांदी ऐ, एथो बिगड़ी सब दी बन जांदी ऐ, एह्नु इको वारी केहना पेंदा
झूठे रिश्ते और नाते झूठी दुनिया की बाते, झूठा है ये संसार मैया जी बस सच्चा है तेरा द्वार, सच
मेरा सुखी रहे परिवार दातिये कर किरपा साहणु मिलदा रवे तेरा प्यार दातिये कर किरपा चाहे सुख हॉवे चाहे दुःख
बता दे पुरवईया भवानी कब आयेगी। भवानी कब आयेगी, दर्श दिखलाएगी॥ मैंने सुना है माँ के आँगन, सुख का सावन
माँ नू अज्ज मनावांगे साडा झूम झूम दिल बोले जगिया ज्योत जलावा गे साडा झूम झूम दिल बोले, संगत सारी
छत्र छाया में अपनी बसाले सोने की छतर वाली मैया सोने की कलश वाली मैया, छत्र छाया में अपनी बसाले
ओसियां की पावन धरती पर है सूंदर बहुत नजारा. याहा सचियाँ माँ का द्वारा, धनला की पवन धरती पर है
मेरे जिगर के टुकड़े तुम हो ना बेसहारे। मैं हूँ तुम्हारी माता, तुम बेटे हो हमारे। काँटा चुबे जो तुमको,
करले तू दीदार शेरों वाली का, सेवक है संसार पहाड़ो वाली का डगर डगर माँ के जयकारे, पग पग में