
जबसे पिलाई गुरु वर ने कृष्णा के नाम की
जबसे पिलाई गुरु वर ने कृष्णा के नाम की, आद्दत सी पड़ गई मुझे मस्ती के जाम की, जबसे पिलाई
जबसे पिलाई गुरु वर ने कृष्णा के नाम की, आद्दत सी पड़ गई मुझे मस्ती के जाम की, जबसे पिलाई
कई जन्मा तो बाद होया है आज सवेरा जी, मैं तेरा जी गुरु जी मैं तेरा जी, पापा दी है
मेरी मेरी करके बंदेया जनम अनमोल गवा बैठा, अगा तेरे नेड़े आइयाँ मोह जीया विच पा बेठा, एहना सारे जिया
रल मिल सारे सेवा करके मीठी मीठी वाणी पड़ के, मन चरना नाल ला लाइए , मेरे सतगुरु बाबे नानक
मेरे सर पे गुरु ने जब से हाथ धरा बस उसी दिन से सीने में उजियार है देवता फिरते है
“एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा” होली खेलो मेरे साजना तन मन धन बारुंगी मेरे घर आऔ जी पाहना तेरी
मिलते नहीं है भगवान गुरु के बिना गंगा में नहा ले चाहे यमुना में नहा ले, न्हाले चाहे हरिद्वार गुरु
मैं रोज उडीका लाइयाँ ने कद साई मेरे वल आवेगा, जिद्दी राह विच अखियां बिछाइयाँ ने कद आके फेरा पावेगा
पलक में भर के दिखा रहे फिलक से हम यही गा रहे, कराने वाला करा रहा है करनहार हम किये
नजरो में अपनी रखना तू मुझको हर पेहर, बस इतनी सी कर देना प्रभु मुझे बस मेहर, नजरो में अपनी