दशा मुझ दीन की भगवन
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा, अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा, नामी
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा, अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा, नामी
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया, हथ जोड़ तेरे अगे अरजा करदे रही साडे अंग संग अपने ही रंग
तेरे चरणों में मैंने जब से गुरु जी अपना शीश झुकाया है, बिन मांगे भर दी झोली मेरी तुझसे ही
अरदास करा मैं गुरु जी मेरी अर्जी ये मंजूर करो अपनी सारी संगत नु तुसी खुशिया नाल भरपूर करो अरदास
सब राजन के राजा, तुम हो सब राजन के राजा, आपे आप ग़रीब नवाज़ा, सब राजन के राजा, तुम हो
ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरु ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरू अंतर तिमिर मिटाओ सद्गुरु ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरू अंतर
उद्धार करो गुरु मेरा, तेरे शुभ चरणों में आकर के, गुरुदेव लगाया डेरा, उद्धार करो गुरु मेरा, उद्धार करो गुरु
रूस ना जावी सतगुरु मेरे, जीवन मेरा सहारे तेरे, अपने पराये ताने मारदे, वास्ते तेनु मेरे प्यार दे, अपना बना
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे , जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है, है तू जहाँ पर, मंज़िल भी वहीँ
म्हारे गुरुदेव घर आया रे ,भाग पुरबलो जागो, सतगुरु आया म्हारे आनन्द छाया , म्हारो मन माला में लागो रे,