
मैं रोज उडीका लाईया ने
मैं रोज उडीका लाईया ने कद साईं मेरे वल आवे गा, जेह्ड़ी राह विच अखियाँ वसाईया ने कद आके फेरा
मैं रोज उडीका लाईया ने कद साईं मेरे वल आवे गा, जेह्ड़ी राह विच अखियाँ वसाईया ने कद आके फेरा
इसका भेद बता मेरे अवधू साबुत करनी करता तू डाली भूल जगत में कैसी, जहां देखूं वहां तू का तू.
वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु तेरा सब सदका वाहेगुरु तेरी सब रचना वाहेगुरु वाहेगुरु मिठ बोल्डा जी मिठ बोलडा, हरी
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा, अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा, नामी
अपने ही रंग विच रंग कांशी वालेया, हथ जोड़ तेरे अगे अरजा करदे रही साडे अंग संग अपने ही रंग
तेरे चरणों में मैंने जब से गुरु जी अपना शीश झुकाया है, बिन मांगे भर दी झोली मेरी तुझसे ही
अरदास करा मैं गुरु जी मेरी अर्जी ये मंजूर करो अपनी सारी संगत नु तुसी खुशिया नाल भरपूर करो अरदास
सब राजन के राजा, तुम हो सब राजन के राजा, आपे आप ग़रीब नवाज़ा, सब राजन के राजा, तुम हो
ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरु ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरू अंतर तिमिर मिटाओ सद्गुरु ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरू अंतर
उद्धार करो गुरु मेरा, तेरे शुभ चरणों में आकर के, गुरुदेव लगाया डेरा, उद्धार करो गुरु मेरा, उद्धार करो गुरु