तनु कौन करेगा पार
तनु कौन करेगा पार, जे तू गुरा नाम नई जपिया, तनु कौन करे गा पार, एह धन दौलत पाप कमाई,
तनु कौन करेगा पार, जे तू गुरा नाम नई जपिया, तनु कौन करे गा पार, एह धन दौलत पाप कमाई,
वाटाँ लमियाँ ते रस्ता पहाड़ दा तुरे जांदे गुरा दे दो लाल जी, सरसा नदी दे विछोडा पै गया उस
गुरु जी साड़ी झोली भरदो भरदो खुशियाँ नाल गुरु जी साड़ी झोली भरदो द्वार तुहाडे रेहमता बडिया हथ जोड़ दर
कौन हो कैसी दुनिया से आये हो तुम, प्यार का इक जहां साथ लाये हो तुम, कौन हो कैसी दुनिया
सतगुरु सब कुछ तेरे हाथ मेरा आज भी तेरा हाथ मेरा कल भी तेरे हाथ प्रभु जी रखियो मेरी लाज
मैं हो गई वैरागन माँ दर्शन गुरु रविदास दे करके, हूँ कदे भी चूकना नहीं इक वारि सिर चरनी धर
हुन कध मिलिए, प्रय तुध भगवंता, एक घड़ी ना मिलतै ता कलजुग होता, मेरा मन लोचे, गुरु दर्शन थाइ, बिलप
सतगुरु तेरी ओट है साहनु, सतगुरु तेरी ओट, तेरी चरनी जुड़े जदो दे आई न साहनु कोई थोड़, सतगुरु तेरी
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया, जन्म जन्म की दुरी को इक पल में मिटा लिया, दर पे
मैं गुरु बिन देखे नींद न आवे, मेरे मन तन में गुरु बिरहु लगावे, नींद ना आवे नींद ना आवे,