ऐ प्रीत कदे छुटनी नहीं
ऐ प्रीत कदे छुटनी नहीं, ऐ डोर कदे टूटनी नहीं, साह मुकदे ते मूक जावन, मैं तेरा दर छड़ दी
ऐ प्रीत कदे छुटनी नहीं, ऐ डोर कदे टूटनी नहीं, साह मुकदे ते मूक जावन, मैं तेरा दर छड़ दी
सुख पाया सुख पाया, रेहम तेरी सुख पाया, सदा नानक की अरदास, सुख पाया सुख पाया, मेहरबान साहिब मेहरबान, साहिब
कौम नु जगाया जिहने बेडा पार लगाया ओह्दी आज भी है सिरा उते छाँह भगतो, जपो गुरु रविदास जी दा
मेहर करू तू दाता बख्शन हार सदा हसदा वसदा रहे मेरा परिवार सदा बनया रहे एह प्रेम प्यार सत्कार सदा
सतनाम श्री वाहेगुरु सतनाम श्री वाहेगुरु, तेरा नाम है सहारा दुनिया ने तू हमारा, सतनाम श्री वाहेगुरु सतनाम श्री वाहेगुरु,
खोल दिओ लगे जँगाली जिन्दरे, गुरु जी मेरे खोल देयो, ऐसी सतगुरु मारो द्रिष्टि, नजर ना आवे मेनू श्रिस्ती, जोड़
मुझे ऐसा बना दो मेरे प्रभु मुझे ऐसा बना दो मेरे गुरु, जीवन में लगे ठोकर न कहीं । जाने
तेनु वेख वेख अख मेरी रजदी न, चीज दुनिया मेनू कोई जचदी न तेनु वेख वेख अख मेरी रजदी न,
गुरु रविदास जी दा शुक्र मनाइये, उठ के सवेरे पहला शीश झुकाइये, मिल दा नसीबा नाल इहो जेहा सतगुरु जो
गुरु जी आवनगे ओ फेरा पावन गे, संगत जी नजर टिकावन गे दर्श दिखावन गे, गुरु जी आवन गे, मन