म्हने कर मनुहार पिलायो
ओ जी म्हाने कर मनुहार पिलायो जी, सतगुरु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी, असंग जुगा री म्हारी नींद उड़ाई जी,
ओ जी म्हाने कर मनुहार पिलायो जी, सतगुरु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी, असंग जुगा री म्हारी नींद उड़ाई जी,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो शुभ कर्म करके पुण्य का जीवन बीज वोह लो, सांसों के
(तर्ज: कन्हैया दौड़े आते है…) सच्चे मन से गुरुवर का तुं ध्यान लगायेगा पार तुं खुद को पायेगा
गुरु जी गुरु जी गुरु जी गुरु जी , मैं पल पल याद करा मैं पल पल याद करा, ॐ
मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार, गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार, तुम बिन सावन की अखियां बरसी
आँखों में आंसू आते है मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन, कोई पहुंचा दो सन्देश मेरा, मन लगदा नहीं
मीठा लगदा गुरु जी तेरा नाम,मीठा लगदा है , सोहना लगदा गुरु जी तेरा नाम सोहना लगदा है, खंड तो
साहनु अपने तो कदे न विछोड़ो गुरु जी, चरना दे नाल जोड़ो गुरु जी, दिन रात असि नाम तेरा जपदे
बड़े मंदिर देया मालका, मेरी अर्ज सुने ता जाना तनु, जीवे होरा दे दुखड़े दूर किते, जीवे मैनु भी बक्शी
कबीर मेरा मुझ माहि किछु नही, हो किछु है सो तेरा, जो किछु है सो तेरा, मेरा मुझ में कुछ