
सेवा ते सिमरन मैनु
सेवा ते सिमरन मैनु बख्शी गुरु मेरिया, बख्शी गुरु मेरेया बख्शी गुरु मेरिया, सेवा ते सिमरन मैनु ….. सब दियां

सेवा ते सिमरन मैनु बख्शी गुरु मेरिया, बख्शी गुरु मेरेया बख्शी गुरु मेरिया, सेवा ते सिमरन मैनु ….. सब दियां

मेरे सतगुरु आ जाओ, अखियाँ तरस रहियां आके दर्श दिखा जाओ, सत्संग विच आ जाओ, भूले होये लोक नु सच्चा

ओह ता बड़े नसीबा वाले जेह्दे सत्संग जांदे जी, जेह्दे सत्संग जांदे जी जेह्दे सत्संग जांदे जी ओह ता बड़े

औषधि कौन पिलावे गुरु बिन औषधि कौन पिलावे, भव व्याधि यह बहुत सतावेसुध बुध सारी भुलावे गुरु बिन औषधि…. विषय

तू ही तू तू ही तू कर किरपा मेहरा दिया साईंया, कट दुखा दिया जंजीरा नु सानु पता तू बदल

सजदे में सर जुका है दर पे मेरा, हर पल शुकर मनाऊ गुरु जी मैं तेरा, ॐ नमः शिवाये शिव

सईओ नी मेरे सत्गुरा दा एह प्यार अनोखा है बाकि सारा जग लगदा मैनु धोखा ही धोखा है नौ दरवाजे

ले गुरु का नाम वंदे,ये ही तो सहारा हे, ये जग का पालनहारा हे,ले गुरु का नाम तारीफ क्या करू,इस

आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सद्गुरु की । धन भाग्य हमारे आज हुए शुभ दर्शन ऐसे सद्गुरु के

साडे घर आओ गुरु जी साडे घर आओ आओ जी गुरु जी साड़ी कुटियाँ च आओ जेह्डा रुखा सुखा बनेया