बड़े मंदिर देया मालका
बड़े मंदिर देया मालका, मेरी अर्ज सुने ता जाना तनु, जीवे होरा दे दुखड़े दूर किते, जीवे मैनु भी बक्शी
बड़े मंदिर देया मालका, मेरी अर्ज सुने ता जाना तनु, जीवे होरा दे दुखड़े दूर किते, जीवे मैनु भी बक्शी
कबीर मेरा मुझ माहि किछु नही, हो किछु है सो तेरा, जो किछु है सो तेरा, मेरा मुझ में कुछ
तूँ मेरा पिता तू है मेरा माता, तू मेरा बंधू तू मेरा भराता, तू मेरा राखा सबनी थाई, ता भऊ
ये संतों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर आना जी……… ये प्यासों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर
असा सतगुरु डेरे जाना भगतो चलो चलिये, असा गुरआ दा दर्शन पाना भगतो चलो चलिये, असा सतगुरु डेरे जाना भगतो
मस्ती दे विच बेठे गुरु मस्त फ़कीर ऐ, कोई कहंदा बाबा नानक कोई कहंदा पीर ऐ, अमृत वेले उठ गुरु
मेरे गुरु जी पत रखना सदा बचेया दी, भगता दी संगता दी तुसी जग दे वाली, गुरु जी मेरे शिव
गुरु जी दा जनम दिन आया नि हों वधाईयां, दिन शगना वाला आया नि हों वधाईयां, घर घर वजी वधाई
गुरु शब्द है, गुरु समझ है, गुरु मार्गदर्शन है, गुरु के द्वारा शिष्य, अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है, चंदा
मेरे मन मंदिर के राम, गुरु बिन कोई नहीं लिया गुरु रूप अवतार, हरि बिन कोई नहीं कोई नहीं