
गुरु बिना कोई काम नी आवे
गुरु शब्द है, गुरु समझ है, गुरु मार्गदर्शन है, गुरु के द्वारा शिष्य, अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है, चंदा

गुरु शब्द है, गुरु समझ है, गुरु मार्गदर्शन है, गुरु के द्वारा शिष्य, अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है, चंदा

मेरे मन मंदिर के राम, गुरु बिन कोई नहीं लिया गुरु रूप अवतार, हरि बिन कोई नहीं कोई नहीं

बल्ले बल्ले बड़ा चा बड़े मंदिर जान दा, गुरु जी दा जन्म दिन आया चा बड़े मंदिर जान दा, बारी

सहनु चरनी लगाओ सहनु अपना बनाओ, पला नाम वाला सहनु भी फडा दो, गुरु जी तेरे दर आ गये. लें

दिन भागा वाला आया जन्म दिन गुरु जी दा, आज रल मिल भंगड़े पाऊ जन्म दिन गुरु जी दा, खुशियां

सब तो प्यारे मेरे गुरु जी,हर वेले मैनु आखदे, फ़िक्र न कर बन्दिया मैं हु नाल तेरे, मनगो नहीं मनो

मैं क्या मांगू तुम से गुरु वर, मेरी तो हर सास तुम्हारी, तुमसे ही है मेरी खुशियां तुम से ही

दोहा: सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार

बन्दे ओ बन्दे रे छोड़ सारे धंधे नाता गुरु से जोड़ लें हो हो हो तेरी मेरी मेरी तेरी ना

तुहाडा शुक्र करा मैं गुरु जी तुहाडा शुक्र करा , तुसा लगाइया तोड़ निभाइयाँ मैं शुकर करा, तुहाडा शुक्र करा