
मेरे बाबा का पैगाम
मेरे बाबा का पैगाम अब तो चलना परमधाम , वापिस जाना है हम सब को दिव्ये लोक निज धाम, मेरे

मेरे बाबा का पैगाम अब तो चलना परमधाम , वापिस जाना है हम सब को दिव्ये लोक निज धाम, मेरे

नी लोक्की मैनू पुछदे ने हारां वाले की लगदे तेरे सतगुरु मेरे नैना दी ज्योति सईओ नी ए सुच्चे मोती

जे तू भुलावे ते आइये नंगे पैर वे, आया नहियो जांदा तेरे हुकम बेगैर वे, तेरे हाथ डोर सैयां सारे

हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे अर्जी करू मैं दाता दर पे तुम्हारे, मन मेरा बांधो स्वामी श्री चरणों से,

हथ जोड़दी नाले मत्था टेकदी जींद तेरा शुकर करे, मेरे दतियाँ मेरे दतिया, अंग संग तेनु हर वेले तक्दी, जींद

मैं नीवि मेरा सतगुर उच्चा, उचिया दे संग लाइ, सद के जावा एहना उचिया तो मैं, जिह्ना नीविया नाल निभाई,

सुख का साथी जगत सब, दुःख का साथी न कोए l दुःख का साथी साँईयाँ, दादू सद्गुरु होए ll जो

माधवे मन न रहे, घर आओ , रह न साकूं, दरस दिखाओ , माधवे मन न रहे,,,,,,,,,,,,, जब से गए

वड्डा तेरा दरबार, सच्चा तुध तख़्त, श्री साहा बादशाह हो, लेह चल चौर छत। अत ऊँचा ताका दरबारा, अंत नही

साईं जी मेरे नाल ने वे सुख विच वे नाल दुःख विच वे नाल मेरा रखदे सदा ख़याल वे साईं