
कलयुग में बाबा श्याम ने
कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है होता ना जिसका

कलयुग में बाबा श्याम ने वो काम किया है जो आया गिरते पड़ते उसे थाम लिया है होता ना जिसका

खाटू के मंदिर चालो जी हे रंग बरसाओ बरसाओ जी रंग बरसाओ खाटू के मंदिर चालो जी हे रंग बरसाओ

ज़िंदगी को मेरी श्याम तूने सवारा, तेरे दर से चलता मेरा गुजारा, गर्दिश में कोई श्याम साथ नहीं था, थामे

चलो रे चलो खाटू धाम …………. रंगी गुब्बारों से मंडप सजाया है मिश्री मावे का एक केक मंगाया है नाचेंगे

(तर्ज:-तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ) कृपा करके खोलो,दया का खजाना, अब ना चलेगा श्याम,कोई बहाना, मुझे श्याम तेरा,भरोसा है

केवल शीश है खाटू में है ये झूठी बात, मेरी हर ख़ुशी के पीछे है श्याम तुम्हारा हाथ, टूटी फूटी

एक दफा खाटू में आकर देख ले, श्याम बाबा के दर पे सिर झुका के देख ले, एक दफा खाटू

बाबा ध्यान मेरा भी करले कबसे खड़ा हाथ मैं जोड़ , खड़ा हाथ मैं जोड़ सँवारे खड़ा हाथ मैं जोड़,

श्याम बाबा श्याम बाबा आया हु मै, बड़ी दूर से ,बड़ी दूर से, ओ अहेल्वती का प्यारा देना सहारा, बड़ी

कैसे होगी तेरे होते मेरी हार सँवारे, बन कर के माझी चला रहा तू मेरी नाव रे, कैसे होगी तेरे