श्याम धनि सिंगार तुम्हारा
श्याम धनि सिंगार तुम्हारा मेरे मन को भावे रे, लाखो में तू एक लगे है जादू सा कर जावे से,
श्याम धनि सिंगार तुम्हारा मेरे मन को भावे रे, लाखो में तू एक लगे है जादू सा कर जावे से,
जब से लगा यो फागण मन मेरा लागया नाचन, मने पल पल पल याद श्याम की आवे से, वो झाला
लीले घोड़े पे होके सवार, सांवरिया आ जाओ आ जावो श्याम आ जावो भक्तो का मान बड़ा जाओ, माहरी नैया
श्याम खाटू वाले मेरे नाथ तुम हो, दुखो से डरु गा मैं क्यों जब साथ तुम हो, तुम ही भरोसा
महफ़िल है श्याम आपकी महफ़िल में आइये ज़रा पलकें बिछाए बैठे हैं कुछ तो फरमाइए ज़रा महफ़िल है श्याम आपकी………..
मैं बेकदर था कदर हो गई मेरे सांवरे की मेहर हो गई है, मेरे सिर पे ऐसा हाथ फिराया ज़मी
हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये दस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज धन्य ढूंढारो देश हे
तू ही तू साँवरे हर जगहा क्यों है, रासते हर दफ़ा खाटु का पता , मुझसे पूंछे भला क्यों है,
खाटू वाले बनाले मने अपना सरवेंट मने अपना सरवेंट हो बाबा परमानेंट, खाटू वाले बनाले मने अपना सरवेंट सारा हो
बैठा जो खाटू में उसे कहना है, धारा में तेरी ही हमको बेहना है, सारी उम्र तेरे संग रहना है,