
सबसे ये सुना है हारे का तू सहारा
सबसे ये सुना है हारे का तू सहारा, तेरे रहते क्या रह जाऊ गा मैं हारा, कुछ बटिया मेरे दिल

सबसे ये सुना है हारे का तू सहारा, तेरे रहते क्या रह जाऊ गा मैं हारा, कुछ बटिया मेरे दिल

जय श्याम जय श्याम जय जय श्याम …………….. जिसे दुनिया ने शीश का दानी कहा मैं बात उन्ही की सुनाता

शुकर करू मेरे बाबा तेरा हर पल शुकर करू, तेरे होते किसी बात की मैं क्यों फ़िक्र करू शुकर करू

थारे रहता ओ सांवरिया डरने की के बात जी नाम जपु मैं निष् दिन थारो दिन हो रात जी थारे

ग्यारस चानन की आई भगता मिल ज्योत जगाई, चंग मंजीरा बाजे आंगने, मन में हरयाली छाई भगता मिल ज्योत जगाई,

चलता रहु तेरी और सँवारे, मेरा चलता नहीं कोई जोर सँवारे, अठरा क्या अठरासो क्या अठरा हज़ार चल लूंगा, तेरे

शीश के दानी महाबलवानी खाटू वाले श्याम, तेरा जयकारा है जयकारा है जयकारा, श्याम धणी का जयकारा, शीश के दानी

श्याम हमारे हारे के सहारे हो गई आंखे मेरी नम, भूल हुई जो हमें माफ़ करदो इतना भी करो न

मेरी आँखों में आंसू को तू आने ही नहीं देता, मैं रोना भी जो चाहु तो तू रोने भी नहीं

फर्याद कर रहा हु सुन ले तू दर्द मेरा, बाबा मुझे संभालो बस आसरा है तेरा, दुनिया न रास आये