
मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे
जब से मुझको मिला तेरा दर संवारे, मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे इक बेजान में कोई जान न थी

जब से मुझको मिला तेरा दर संवारे, मेरी किस्मत गई है संवर साँवरे इक बेजान में कोई जान न थी

बाबा खाटू नगरी थी लागे स्वर्ग सो भी प्यारी, थाने देखा जब गिरधारी मिट जावे मन की खारी, थारी सूरत

श्याम बाबा से जिनका सम्बन्ध है, उनके घर में आनंद ही आनंद है डोर जीवन की सौंप श्याम नाम को,

हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के, खाटू वाले के नीले वाले के, हम शीश

खाटू वाले का मैं हु दीवाना मुझे बाबा के द्वार पे जाना, जय जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम,

कान्हा सारी दुनिया बतावे थाने चौर चौरी करणो छोड़ो जी महासू रिस्तो जोड़ो जी कन्हैया चितचोर….. कान्हा थाने चौरी की

सुबह शाम जपूँ मैं बाबा नाम तेरा मेरी धड़कनो में बसा है श्याम मेरा मैं और कुछ ना जानूं तू

हर पल मुस्काता हु मैं मौज उड़ाता हु, क्यों तरसु खुशियों को मैं जो खाटू में आता हु, हर पल

में दुखिया नीर बहाता, तू बैठा मौज उडाता कुछ तो सोच विचार रहम कर,दीनानाथ कुहाता कुहाता में दुखिया नीर बहाता…….

श्याम सच्ची तू सरकार मेरे बाबा लखदातार, तेरी ही किरपा से आज खुश मेरा परिवार, सँवारे सच्चा तेरा प्यार है,