याद सतावे श्याम धणी थारी
याद सतावे श्याम धणी थारी याद सतावे रे, कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे, बीच ववर में
याद सतावे श्याम धणी थारी याद सतावे रे, कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे, बीच ववर में
श्याम धणी तेरे नाम से, गुजारा हमारा गुजारा हमारा रहे हमेशा हम भक्तो के, सिर पर हाथ तुम्हारा श्याम धणी
श्याम तेरे भजनो में,मस्ती की खजाना है बस उसको ही मिलता हे,जो तेरा दीवाना है श्याम तेरे भजनो में…… जब
हाथों में ले श्याम ध्वजा,और मन में लेके आस, हम चल दिए खाटू श्याम धाम अब पूरी होगी आस, मने
लगा है मेला ये श्याम बाबा का, हुआ दीवाना देखो ये संसार बाबा का, लगा है मेला ये श्याम बाबा
हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले, अपनी किरपा कुछ हम पर भी बरसाओ कभी
फागुन आयो रंग रंगीलो, खाटू पैदल जाना है, मोह माया से जान हटा बाबा से प्रेम बड़ानो है, अरे रे
खाटू जाना तो बताना मुझे भी चलना है मेरे मालिक मेरे दाता से मुझको मिलना है, खाटू जाना तो बताना
आई भगतो की टोली आई, छाई छाई खाटू में मस्ती छाई, लेकर निशान चली भक्तो की टोली, फागण में श्याम
मुझको भी एक बार भुलाना, देखो मेरा दिल न दुखाना, दर पे तेरे सांवरियां…. कैसा मेला लगता है, मेले में