ब्रज के नंद लाला
दोहा– डरते रहो ये जिंदगी बेकार ना होजाये, सपने में किसी जीवका अपकार ना होजाये, ये मेला है बस दो
दोहा– डरते रहो ये जिंदगी बेकार ना होजाये, सपने में किसी जीवका अपकार ना होजाये, ये मेला है बस दो
आजाओ मेरे श्याम देर क्यू लगायी जे, असा तेरे नाल भगवन प्रीत निभायी जे, इस जीवन दिया घड़ियाँ, ओ छिन
दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा, देर सुनो अब जगो मुरारी विनती कर कर नैना हारी, अब
कन्हैया ले चल परली पार, साँवरिया ले चल परली पार। जहां विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार॥ विनती मेरी मान सनेही,
नी मैं वेख आइया सावरे दी कुंज गली, कुंज गली फुल्ल नाल सजी, श्याम ता मेरा फुल गुलाब दा, राधा
हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम, मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ करुणा सुनो श्याम मेरी, मैं तो होय रही
श्याम तेरी बन्सी पुकारे राधा नाम लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम साँवरे की बन्सी को बजने से काम
ओ कान्हा तेरी बांसुरी काहा घूम हो गई गोपियों से जरा तू पुच ले आजा रे कन्हियाँ तोहे राधा बना
कटीले काले काले है कान्हा तेरे नैन, नशीले मेहके प्याले है कान्हा तेरे नैन, ये रहते है पंखो की और,
मैं तो अपने पिया की दीवानी हो गई, अपने बांके की बांकी मस्तानी हो गई मैं तो अपने पिया की